Chhath Puja 2023, इंदौरः शीशे वही हैं जो बांस की लटकनें हैं, आठ लकड़ी की कोठरियां वही हैं, तुम ही दीनानाथ हो, तुम ही दीनानाथ हो, कुणियां लगी हुई सोना है। शहर के विभिन्न छठ घाटों पर रविवार की शाम ओ घूमइछा संसार, ओ घूमइछा संसार, चार पहाड़ हम जल थल सेविले, सेविले चरण तोहार, हे छठी मइया दर्शन दिही ना आपन जैसे पारंपरिक छठ पर्व के भावपूर्ण लोकगीतों के बीच बिहार और पूर्वाचल की धूम रही। हजारों लोगों ने भगवान भास्कर के डूबते हुए स्वरूप को अर्घ्य दिया और अपने परिवार,समाज और देश की सुख, समृद्धि और शांति के लिए प्रार्थना की।
छठी मैया के मन को छू लेने वाले लोकगीतों के बीच, पूरे शहर और उसके आसपास के क्षेत्रों में 125 से अधिक छठ घाट हैं - विशेष रूप से स्किम नंबर 54, बाणगंगा कुंड, देवास नाका, सुखलिया, तुलसी नगर, श्याम नगर एनेक्स, समर में । पार्क, नंदबाग, कैट रोड, सिलिकॉन सिटी, अनुपम नगर, स्कीम नंबर 78, पिपलियापाल तालाब, शिप्रा मां अंबे नगर, एरोड्रम रोड, ड्रीम सिटी, कालानी नगर, वक्रतुंड नगर, मांगलिया और कुछ अन्य क्षेत्रों में स्थित छठ घाटों का दृश्य शहर। एकदम भक्तिमय हो गये। इन घाटों पर ऐसा लग रहा था मानों पूरा बिहार और पूर्वाचल मालवांचल पर उतर आया हो।
वर्ल्ड कप के फाइनल मैच को देखने में डूबा हुआ था शहर
एक ओर जहां पूरा शहर आईसीसी क्रिकेट वर्ल्ड कप के फाइनल मैच को देखने में डूबा हुआ था, वहीं दूसरी ओर शहर में रहने वाले बिहार-पूर्वांचल के छठ व्रतियों का रविवार की दोपहर से ही छोटे-छोटे समूहों में छठ घाटों पर आना शुरू हो गया और शाम चार बजे तक छठ शुरू हो गया। इन घाटों पर व्रती महिलाएं और पुरुष प्रसाद से भरी बांस की टोकरियां लेकर पहुंचे थे। छठी मैया के मनभावन लोकगीतों से पूरा माहौल भक्ति और आस्था से भर गया और लोग एक-दूसरे को छठ पर्व की शुभकामनाएं देते दिखे।
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महिलाओं ने बच्चों की लंबी उम्र के लिए मांगी दुआ
उत्तर-पूर्व सांस्कृतिक संस्थान के प्रदेश महासचिव केके झा ने बताया कि रविवार की शाम 5।42 बजे जैसे ही भगवान भास्कर सूर्यास्त में लुप्त होने लगे, उसी समय व्रती महिलाएं व पुरुष टोकरियां लेकर तालाब में खड़े हो गये। हाथों में प्रसाद लिया और सूर्य देव को अर्घ्य दिया। शुरुआत की और अपने बच्चों, परिवार के सदस्यों और पूरे शहर, राज्य और देश के लोगों के अच्छे स्वास्थ्य और लंबी उम्र की कामना की।
विधायक रमेश मेंदोला, इंदौर नगर निगम सभापति मुन्नालाल यादव और मेयर इन काउंसिल सदस्य राजेंद्र राठौड़ विजय नगर छठ घाट पहुंचे और भगवान भास्कर को अर्घ्य दिया। अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देने के बाद व्रती अपने परिवार व रिश्तेदारों के साथ प्रसाद ग्रहण कर अपने-अपने घर के लिए रवाना हो गये। रात्रि में शहर के कई छठ महापर्व आयोजन समितियों द्वारा प्रसिद्ध भजन गायकों व गायिकाओं द्वारा छठ के भजन व लोकगीत प्रस्तुत किये गये।
सोमवार को उगते सूर्य को दिया जायेगा अर्घ्य
सूर्योपासना का यह पर्व सोमवार सुबह 6।42 बजे उगते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद समाप्त होगा। अर्घ्य के बाद व्रतियों के परिवारों द्वारा भक्तों के बीच ठेकुआ और फल का प्रसाद वितरित किया जायेगा।
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