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Chhath Puja 2023: उगते सूर्य को अर्घ्य देने के साथ सम्पन्न हुआ महापर्व छठ

Chhath-Puja-2023 Chhath Puja 2023: लोक आस्था और सूर्योपासना का महापर्व छठ के चौथे दिन सोमवार को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया गया। उदीयमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ ही 36 घंटे का निर्जला व्रत की समाप्ति हुई। घाट पर छठव्रतियों ने प्रसाद का वितरण किया और सुहागिन महिला एक दूसरे को सिंदूर लगाकर सदा सुहागन बने रहने की कामना की। छठवर्तियों के पैर छूकर आशीर्वाद लेने की भी होड़ लगी रही।

धूमधाम से बनाया गया महापर्व

सुबह से ही राजधानी लखनऊ समेत पूरे प्रदेश और खासकर पूर्वांचल में लोग घाटों पर पहुंचे और उगते सूर्य को अर्घ्य दिया और छठी मैया से व्रत के सकुशल संपन्न होने की प्रार्थना की। छठ को लेकर प्रशासन की ओर से कड़े इंतजाम किये गये थे। घाटों पर साफ-सफाई के साथ-साथ रोशनी की भी व्यवस्था की गयी थी। नहाय खाय के साथ ही छठ महारव के दौरान लखनऊ के गोमती घाट लोगों की भीड़ से गुलजार रहे। ये भी पढ़ें..Noida: STF ने एक और कॉल सेंटर का किया भंडाफोड़, 5 महिला समेत 16 गिरफ्तार घाटों पर छठ गीत गूंजते रहे। छठ महोत्सव आयोजन समिति की ओर से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित करने तथा व्रतियों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो, इसकी व्यवस्था की गयी थी। यूपी के पूर्वांचल में छठ का महापर्व धूमधाम से मनाया गया। इसके अलावा अन्य जगहों पर भी इस महापर्व पर लोगों का काफी उत्साह देखने को मिला। इस महापर्व के लिए घरों से लेकर कॉलोनियों, सोसायटियों और अन्य जगहों पर विशेष इंतजाम किए गए और हर जगह उत्साह का माहौल देखा गया।

प्रशासन ने छठवर्तियों के लिए पूरी व्यवस्था

छठवर्तियों को सुबह-सुबह घाट तक जाने में कोई परेशानी न हो, इसके लिए शहर में रोशनी की व्यवस्था की गयी थी। जिला प्रशासन ने छठ घाटों पर छठवर्तियों को कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम और भीड़ को नियंत्रित करने के लिए वॉच टावर का निर्माण कराया है। साथ ही पानी गहरा होने के कारण घाटों पर बांस की बैरिकेडिंग की गयी थी। इसके अलावा किसी भी अप्रिय घटना से निपटने के लिए घाटों पर एसडीआरएफ के जवानों के साथ गोताखोरों को तैनात किया गया था।

छठी मैया के लोकगीतों से गूंज उठे घाट

बता दें कि छठ पर्व की शुरुआत नहाय-खाय से होती है। इसके बाद दूसरे दिन को खरना, तीसरे दिन को संध्या अर्घ्य और चौथे दिन को उषा अर्घ्य के नाम से जाना जाता है। प्रकृति को समर्पित इस महापर्व में छठवर्तियों ने पानी में खड़े होकर भगवान भास्कर की पूजा की और रविवार को डूबते सूर्य को अर्घ्य देने के बाद सोमवार को उगते सूर्य को अर्घ्य दिया। छठव्रतियों ने कच्चे बांस से बने सूप में नारियल, डाब नीबू, फल-फूल सहित प्रकृति प्रदत्त अन्य सामग्रियों के साथ डुबकी लगाकर छठी मैया से सुख, शांति व समृद्धि की कामना की। लखनऊ समेत यूपी के सभी घाट छठी मैया के लोकगीतों से गूंज उठे। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)