Chhath Puja in Nepal: सूर्य उपासना का महापर्व छठ नेपाल के तराई मधेश के जिलों सहित काठमांडू, पोखरा, हेटौडा, चितवन समेत सभी प्रमुख शहरों में धूमधाम से मनाया गया। अन्य वर्षों की तरह राष्ट्रपति के छठ घाटों पर पहुंचने और सूर्य को अर्घ्य देने की परंपरा जारी रही। अध्यक्ष रामचन्द्र पौडेल पशुपतिनाथ मंदिर के पीछे बागमती नदी के किनारे बने छठ घाट पर अर्घ्य देने पहुंचे। कई अन्य राजनीतिक दलों के शीर्ष नेता भी छठ घाट पर पहुंच रहे हैं।
भव्य तरीके से मनाया जाता है छठ
पहले यह त्यौहार भारत से सटे जिलों में मनाया जाता था लेकिन पिछले कुछ वर्षों से यह काठमांडू और पोखरा जैसे शहरों में भी भव्य तरीके से मनाया जाने लगा है। छठ पर्व पर राष्ट्रीय अवकाश रहता है। हालांकि, दशहरा से लेकर छठ पर्व तक ज्यादातर स्कूल-कॉलेज बंद रहते हैं। लेकिन दिवाली से लेकर छठ तक सरकारी दफ्तरों और बैंकों में छुट्टी रहती है। मधेश राज्य और लुंबिनी राज्य में छठ के लिए दो दिन की अलग-अलग छुट्टी दी जाती है।
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पहाड़ी और आदिवासी सुमदाय भी मनाते हैं छठ
नेपाल में छठ घाटों को भव्य तरीके से सजाया गया था मधेसी और थारू समुदाय ही नहीं, पहाड़ी और आदिवासी समुदाय के लोग भी छठ पर्व को श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाते हैं। काठमांडू में करीब 13 प्रमुख स्थानों पर छठ घाट बनाये जाते हैं। इसके अलावा बीरगंज, जनकपुर, विराटनगर, भैरहवा, नेपालगंज, हेटौडा, चितवन में भी छठ पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। छठ घाट के निर्माण से लेकर श्रद्धालुओं के लिए सजावट और अन्य व्यवस्था तक, स्थानीय सरकारी निकाय हर जगह पर सभी तरह की व्यवस्था करते हैं।
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