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Chhath Puja: सूर्य की उपासना का महापर्व छठ कल से शुरू, जानें शुभ संयोग

ग्वालियर: सूर्य को अर्घ्य देने और पूजन करने का महापर्व छठ 28 अक्टूबर शुक्रवार से शुरू होगा। चार दिन के इस पर्व को लेकर सभी तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। छठ पर्व एक ऐसा पर्व है, जिसमें मूर्ति की पूजा नहीं की जाती है। संसार के प्रत्यक्ष देवता सूर्य नारायण की उपासना की जाती है। छठ की पूजा के संबंध में मान्यता है कि संतान के स्वास्थ्य, सफलता और दीर्घायु के लिए निर्जला उपवास किया जाता है। इस व्रत को सिर्फ महिलाएं ही नहीं बल्कि पुरुष भी रखते हैं।

बालाजी धाम काली माता मंदिर के ज्योतिषाचार्य डॉ. सतीश सोनी के अनुसार छठ महापर्व के पहले दिन नहाय- खाये, इसके बाद दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन डूबते सूर्य को अर्घ्य और चौथे दिन उगते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाता है। इसके बाद ही व्रत का पारायण किया जाता है। इस वर्ष छठ पूजा 28 अक्टूबर से शुरू होकर 31 अक्टूबर तक मनाया जाएगा। छठ पर्व वर्ष में दो बार मनाया जाता है। पहला चैत्र शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को और दूसरा कार्तिक शुक्ल षष्ठी को मनाते हैं। मान्यता है। महाभारत काल में द्रौपदी ने भी अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए सूर्य देव और छठ मैया की उपासना की थी।

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छठ पर्व पर रहने वाले शुभ संयोग -

  • 28 अक्टूबर शुक्रवार पहला दिन नहाये खाये

शोभन योग देर रात 1.30 तक ,सिद्धि योग 6.30 सुबह से 10.42 तक, रवि योग सुबह 10.42 से अगली सुबह 6.30 तक।

  • छठ पर्व का दूसरा दिन खरना 29 अक्टूबर दिन शनिवार

रवि योग सुबह 6.30 से 9.06 तक, सुकर्मार्योग रात 10.23 से अगली सुबह तक।

  • छठ पूजा तीसरा दिन संध्या सूर्य पूजा 30 अक्टूबर रविवार

सुकर्मायोग प्रात काल से शाम 7.16 तक, धृति योग शाम 7.16 से अगली सुबह तक, रवि योग सुबह 7.26 से अगले दिन सुबह 5.48 तक, सर्वार्थ सिद्धि योग सुबह 6.30 से 7.26 तक

  • छठ पूजा प्रात काल 31 अक्टूबर दिन सोमवार

सिद्धि योग प्रात 5.48 से सुबह 6.32 तक त्रिपुष्कर योग प्रात: 5.48 से 6.32 तक

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