Dhamtari: सूर्य को अर्घ्य देकर महिलाओं ने तोड़ा व्रत, हर्षोल्लास के साथ मनाया गया छठ पर्व

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Chhath Puja In Dhamtari: सूर्योपासना का पर्व छठ पूजा शहर में मनाया गया। सूर्य को प्रसन्न कर संतान प्राप्ति और परिवार की सुख-समृद्धि की मनोकामना पूरी कर छठ पर्व हर्षोल्लास से मनाया गया। सोमवार की सुबह उत्तर भारत और बिहार से धमतरी आकर पोस्ट ऑफिस और अंबेडकर वार्ड की सीमा पर आमातालाब में बसे लोगों ने सामूहिक पूजा-अर्चना की। तालाब के किनारे गन्ने का मंडप सजाकर सभी व्रती महिलाओं ने सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना की।

सूर्य उपासना का महापर्व छठ पूजा पूरे उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया। सोमवार को सुबह-सुबह ही यहां लोगों की भीड़ जुटने लगी। सूर्योदय के समय सूर्य देव को अर्घ्य देकर पूजा की गई। महिलाओं ने पानी में खड़े होकर पूजा की, इस दौरान बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे। सभी ने सामूहिक रूप से पूजा कर खुशहाली की कामना की। बच्चों और बड़ों ने आतिशबाजी की। पूजा के बाद सभी को प्रसाद वितरित किया गया।

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खुशहाली के लिए मनाया जाता है छठ

समाज के प्रकाश झा ने बताया कि छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को की जाती है। सूर्य उपासना का यह महान पर्व सूर्य को प्रसन्न करने और संतान की मनोकामनाओं की पूर्ति और खुशहाली के लिए मनाया जाता है। पूजा में अन्य समुदाय के लोग भी शामिल हुए। मालूम हो कि यह व्रत कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से शुरू होता है। इस दिन व्रत करने वाले स्नान करके नए कपड़े पहनते हैं। कार्तिक शुक्ल पंचमी को खरना कहा जाता है। पूरे दिन व्रत रखने के बाद व्रती शाम को भोजन करते हैं। तीसरे दिन को षष्ठी कहा जाता है। इस दिन छठ पूजा के लिए प्रसाद बनाया जाता है। इस दिन ठेकुआ या टिकरी बनाई जाती है। बांस की टोकरियों को प्रसाद और फलों से सजाया जाता है। टोकरी की पूजा करने के बाद, भक्त सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तालाब, नदी या घाट पर जाते हैं, स्नान करते हैं और डूबते सूर्य की पूजा करते हैं। चौथे दिन सुबह सूर्योदय के समय विधि-विधान से पूजा-अर्चना के बाद प्रसाद वितरित किया जाता है।

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