प्रज्ञानानंद में विश्व चैंपियन बनने की क्षमता : विश्वनाथन आनंद

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नई दिल्लीः भारतीय शतरंज ग्रैंडमास्टर और पांच बार के विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद ने हाल ही में विश्व चैंपियन मैग्नस कार्लसन को हराकर रातोंरात लोकप्रिय बनने वाले युवा ग्रैंडमास्टर रमेशबाबू प्रज्ञानानंद (Pragyanand) की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा कि युवा शतरंज प्रतिभा प्रज्ञानानंद में विश्व चैंपियन बनने की क्षमता है। आनंद ने कहा कि वह प्रज्ञानानंद जैसे खिलाड़ियों और अन्य युवा शतरंज खिलाड़ियों को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अच्छा प्रदर्शन करते हुए देखकर खुश हैं।

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16 साल की उम्र में प्रज्ञानानंद (Pragyanand) कार्लसन को हराने वाले सबसे कम उम्र के शतरंज खिलाड़ी बन गए। किशोर शतरंज कौतुक आनंद और पी हरिकृष्णा के बाद कार्लसन को हराने वाले तीसरे भारतीय बन गए। 1988 में भारत के पहले ग्रैंडमास्टर बने आनंद ने कहा कि प्रज्ञानानंद एक बहुत ही प्रतिभाशाली खिलाड़ी हैं और अगर वह अपने खेल में सुधार करते रहें, तो एक बड़ा नाम बन सकते हैं।

आनंद ने कहा, “मैग्नस कार्लसन जैसे खिलाड़ी को हराना बड़ी बात है। प्रज्ञानानंद (Pragyanand) ने ऐसा किया है, क्योंकि उनमें प्रतिभा है। उनके जैसे कई खिलाड़ियों में भारत को दुनिया में गौरवान्वित करने की क्षमता है।” शतरंज अकादमी में काम कर रहे 52 वर्षीय आनंद ने प्रज्ञानानंद सहित देश के पांच सबसे होनहार खिलाड़ियों को सीखाने के लिए हाथ आगे बढ़ाया।

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