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Cheetah Project: कूनो अभ्यारण्य को लेकर हुई बैठक, कई विशेषज्ञ भी हुए शामिल

 

cheetah

ग्वालियर: मध्य प्रदेश के श्योपुर जिले के कूनो अभयारण्य में चीता परियोजना (Cheetah Project) के तहत चीतों को बेहतर वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से मंगलवार को होटल तानसेन रेजीडेंसी में ग्वालियर-चंबल संभाग के वन और राजस्व विभाग की संयुक्त कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में ग्वालियर संभाग के कमिश्नर दीपक सिंह के साथ उत्तर प्रदेश के सीसीएफ झांसी और डीएफओ ललितपुर सहित ग्वालियर-चंबल संभाग के वन और राजस्व विभाग के अधिकारी मौजूद थे।

पर्यटन को बढ़ावा और रोजगार के अवसर

कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में संभागायुक्त दीपक सिंह ने कहा कि यह हम सभी के लिए खुशी की बात है कि चीता परियोजना के तहत कूनो का चयन किया गया और चीतों को यहां लाया गया। इससे पर्यटन भी बढ़ेगा और स्थानीय निवासियों को रोजगार के अवसर भी मिलेंगे। उन्होंने कहा कि कूनो में आये चीते अब स्वतंत्र रूप से घूम रहे हैं। आप संभाग के अन्य जिलों के साथ-साथ मध्य प्रदेश से लगे अन्य राज्यों का भी दौरा कर सकते हैं। चीतों को बेहतर वातावरण उपलब्ध कराने के उद्देश्य से इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि चीता परियोजना के तहत वन विभाग के साथ-साथ राजस्व एवं पुलिस विभाग को संयुक्त रूप से सकारात्मक सहयोग प्रदान करना आवश्यक है।

कार्यशाला में कूनो के वन अधिकारियों ने चीता परियोजना के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि चीतों को निर्धारित अवधि तक सुरक्षित बाड़े में रखने के बाद अब उन्हें खुले में भी छोड़ दिया गया है। कूनो के चीते शिवपुरी के साथ-साथ अशोकनगर तक भी पहुंच गए हैं। भविष्य में यह राज्य के बाहर भी जा सकता है। वन विभाग लगातार चीतों की सुरक्षा और उन्हें बेहतर वातावरण उपलब्ध कराने की निगरानी कर रहा है। वन विभाग की ओर से चीता मित्र भी तैनात किये गये हैं।

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विशेषज्ञों ने दिए खास निर्देश

कार्यशाला में बताया गया कि तेंदुए की निगरानी के लिए वन विभाग द्वारा नौ सदस्यीय टीम का गठन किया गया है। टीम द्वारा सभी चीतों पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। गांव में चीतों के संबंध में आवश्यक जानकारी दे दी गई है।

कार्यशाला में वन अधिकारियों ने बताया कि यदि गांव के आसपास चीता दिखे तो क्या करें और क्या न करें।

1. इसकी सूचना तुरंत वन विभाग को दें। जंगल में अकेले मत जाओ।

2- अपने गांव में संबंधित चीता मित्र से संपर्क करें। चीते को डराने या उसे लाठियों से मारने की कोशिश न करें।

3- धैर्य बनाए रखें चीता इंसानों के लिए खतरा नहीं है। रात्रि में अनावश्यक रूप से खेतों में अकेले न रहें, न सोयें।

4- अपने छोटे बच्चों और मवेशियों को घर के अंदर ही रखें। अनावश्यक भीड़ न लगाएं।

5-ग्रामीणों को चीता से दूरी बनाए रखने के लिए समझाएं। चीते को जाल/फंदे से पकड़ने की कोशिश न करें।

6- चीते को सुरक्षित रास्ता दीजिए, वह खुद ही गांव से दूर चला जाएगा। अगर चीता नजदीक हो तो भागने/दौड़ने की कोशिश न करें।

7- अगर चीता मवेशियों पर हमला करने की कोशिश करे तो जोर से शोर मचाकर उसे भगाने की कोशिश करें। चीता मांसाहारी वन्य जीव है, इसकी फोटो वीडियो बनाने के लिए इसके पास न जाएं।

8- यदि चीता किसी मवेशी को मार दे तो मुआवजे का प्रावधान है। मुआवजा पाने के लिए तुरंत नजदीकी वन अधिकारी से संपर्क करें।

9-यदि चीता किसी मवेशी को मार देता है, तो प्रतिशोध में चीते को मारने की कोशिश न करें।

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