नई दिल्लीः चीन से हो रही है ऑनलाइन लोन देने का झांसा देकर ठगी का धंधा। रोहिणी साइबर सेल ने हाईटेक ठगी में शामिल चार जालसाजों को राजस्थान और मध्य प्रदेश से गिरफ्तार किया है। एक जालसाज लोगों को लोन देने का झांसा देकर रकम को अपने साथियों के बैंक खातों में डलवाता था और फिर रकम को किप्टो करेंसी में बदलकर चीन में बैठे जालसाज को भेज देता था। इसके एवज में उन्हें कमीशन मिलता था।
मुख्य आरोपित इंस्टाग्राम के जरिए चीन के ठगों के संपर्क में आया और यूट्यूब पर ठगी का गुर सीखकर वारदात को अंजाम देने लगा। आरोपी अब तक करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है और उसपर राजस्थान में ठगी का एक मामला भी दर्ज है। रोहिणी जिले के डीसीपी प्रणव तायल ने बताया कि गिरफ्तार जालसाजों की पहचान चित्तौड़गढ़ राजस्थान निवासी दीपक पटवा, देव किशन, सुरेश सिंह और नीमच मध्य प्रदेश निवासी सुनील कुमार खटीक के रूप में हुई है। आरोपितों के कब्जे से पुलिस ने 15 एटीएम, 7 मोबाइल फोन, 27 सिम, डोंगल, लैपटॉप, टैबलेट, 6 चेकबुक, 5 पासबुक, 20 हजार और एक बीएमडब्ल्यू कार बरामद की है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि मोहम्मद नदीम सैफी ने रोहिणी जिला साइबर सेल में ठगी की शिकायत की। जिसमें उसने बताया कि उसके मोबाइल पर एक मैसेज आया। जिसमें लिखा था कि आपका लोन स्वीकृत है और आप एप https:it.ly/3jpHFeV” को लॉग इन कर दो लाख रुपये तक की सीमा चुन सकते हैं। शिकायतकर्ता ने लिंक का अनुसरण किया। उसने पूरा विवरण अपलोड किया। इसके कुछ देर बाद उनके नंबर पर व्हाट्सएप कॉल आया।
उन्हें कंपनी के नियम की जानकारी देते हुए लोन की रकम का पांच फीसदी अग्रिम जमा करने के लिए कहा गया। साथ ही कहा गया कि यह रकम वापस कर दिया जाएगा। पीड़ित ने तीन बार में दिए गए बैंक खातों में 10 हजार रुपये जमा कर दिए। उसके बाद से आरोपित ने व्हाट्सएप पर जवाब देना बंद कर दिया।
शिकायत पर साइबर सेल ने मामला दर्ज कर लिया और थाना प्रभारी अजय दलाल के नेतृत्व में पुलिस टीम ने जांच शुरू की। जांच के दौरान पता चला कि ठगी गई रकम मध्य प्रदेश के नीमच स्थित बैंक खातों में ट्रांसफर हुआ है। बैंक खाते की जांच में पता चला कि इन खातों में दो दिन में 75 लाख रुपये से अधिक ट्रांसफर किए गए हैं। इस रकम से क्रिप्टो करेंसी खरीदा जा रहा है। पुलिस ने कुछ संदिग्धों की पहचान की। तकनीकी जांच में पुलिस को पता चला कि मुख्य आरोपित राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में मौजूद है। पुलिस नीमच से सुनील कुमार खटीक को गिरफ्तार करने के बाद मुख्य आरोपित दीपक पटवा समेत दो अन्य आरोपितों को गिरफ्तार कर लिया।
चीन के जालसाज से मिलकर करते थे ठगी
दीपक ने बताया कि वह चीन के नागरिक के साथ मिलकर ठगी को अंजाम देते थे। वह इंस्टाग्राम पर कुछ चीनी नागरिकों के संपर्क में आया, जो ऑनलाइन लोन देने के बहाने लोगों से ठगी करते थे। दीपक उनसे ठगी का गुर सीखा और साथ मिलकर ठगी करने लगा। खाता मालिकों को खातों में आने वाले रकम का 1.5 फीसदी भुगतान करने की बात कहकर उनका बैंक खाता ले लेता था। फिर पंजीकृत सिम कार्ड भी प्राप्त कर लेता था।
आरोपित यूपीआई के माध्यम से अलग अलग बैंक खातों में रकम प्राप्त करता था। फिर बिनेंस क्रिप्टो एक्सचेंज से ठगी की रकम से यूएसडीटी खरीदकर उसे क्रिप्टो मुद्रा में परिवर्तित करता था और चीन के ठगों को देता था। दीपक पटवा ने बताया कि उसे यूएसडीटी में कमीशन मिलता था और बाद में उसे अपने खाते में या हवाला के जरिए भुना लेता था।
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जांच में पता चला कि जिस व्हाट्सएप नंबर से ठगी की जाती थी उसका आईपी एड्रेस चीन का है। व्हाट्स एप नंबर से संवाद करने के लिए दीपक चीनी भाषा में प्राप्त संदेशों का गूगल ट्रांसलेटर की मदद से हिंदी में अनुवाद करता था और आगे गूगल ट्रांसलेटर की मदद से अपना बातों को भेजता था। पुलिस इस धंधे से जुड़े अन्य आरोपितों और पीड़ितों की पहचान करने में जुटी है।
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