Chandrayaan-3– नई दिल्लीः अभी चंद्रयान को चांद पर उतरे एक दिन भी नहीं हुआ कि उससे पहले ही राजनीति शुरू हो गई है। चंद्रयान-3 का श्रेय लेने को लेकर सियासी घमासान छिड़ गया है। इसकी शुरुआत कांग्रेस के एक ट्वीट से हुई और उन्होंने मिशन की सफलता का श्रेय पंडित नेहरू को दिया। 2023 की सफलता में 1960 के दशक के इतिहास का पन्ना खुल गया। तभी एक और कांग्रेसी नेता सामने आए और उन्होंने मिशन की सफलता का श्रेय इंदिरा गांधी को दिया। राजनीति के इस खेल में चांद मुबारक एंगल भी आ गया।
इस बीच, कांग्रेस नेता के.सी. वेणुगोपाल (Congress leader K.C. Venugopal) ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भारत के चंद्रयान-3 मिशन की सफलता का श्रेय लेने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक उपलब्धि का सारा श्रेय मिशन के पीछे के वैज्ञानिकों को जाता है। कांग्रेस महासचिव (संगठन) ने अपने एक्स अकाउंट पर लिखा, चंद्रयान-3 की लैंडिंग का उत्साह और गौरव लंबे समय तक हमारे साथ रहेगा। इसरो अध्यक्ष डॉ. सोमनाथ के नेतृत्व ने वास्तव में इतिहास रचा है और हम उन्हें और उनकी टीम को हार्दिक बधाई देते हैं।
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इंजीनियरों को पिछले 17 महीनों से क्यों नही मिला वेतन
उन्होंने (Congress leader K.C. Venugopal) पीएम मोदी पर तंज कसते हुए आगे कहा कि बहरहाल, प्रधानमंत्री को अपने दिखावे का कुछ तो जवाब देना चाहिए। आपको लैंडिंग के बाद स्क्रीन पर आने और श्रेय लेने की जल्दी थी, लेकिन आपकी सरकार वैज्ञानिकों और इसरो का समर्थन करने में इतनी बुरी तरह विफल क्यों रही? कांग्रेस नेता ने पूछा कि चंद्रयान-3 पर काम कर रहे एचईसी के इंजीनियरों को पिछले 17 महीने से वेतन क्यों नहीं मिला? आपने इतने महत्वपूर्ण मिशनों के लिए बजट में 32 प्रतिशत की कटौती क्यों की?
वेणुगोपाल ने आगे कहा कि इसरो वैज्ञानिक हमारे देश के हीरो हैं, वे विश्व स्तरीय अंतरिक्ष अनुसंधान कार्यक्रम चलाते हैं। लेकिन आपको उनकी प्रतिभा और मेहनत के प्रति कोई सम्मान नहीं है. लेकिन जले पर नमक छिड़कते हुए आप उस समय सुर्खियों में आये जब वह वैज्ञानिक उपलब्धियों का क्षण था। भारत का महत्वाकांक्षी चंद्र मिशन चंद्रयान-3 बुधवार को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतर गया।
चंद्रयान-3 मिशन का बड़ा हिस्सा पूरा हो गया
इसके साथ ही भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, चीन और रूस सहित चार देशों के विशिष्ट क्लब में शामिल हो गया है। भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरने वाला पहला देश बन गया है। 40 दिनों से अधिक समय तक लगभग 3.84 लाख किमी की यात्रा करने के बाद चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतरा। लैंडिंग के साथ ही 600 करोड़ रुपये के चंद्रयान-3 मिशन का बड़ा हिस्सा पूरा हो गया है।
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