Chandrayaan 3 Vikram Lander, नई दिल्लीः भारत चंद्रयान-3 मिशन के लैंडर विक्रम और प्रज्ञान रोवर को दो सप्ताह की गहरी ‘नींद’ के बाद सूर्योदय के साथ ही शनिवार को इसरो द्वारा सक्रिय किया जाएगा। दरअसल चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र, जहां लैंडर और रोवर दोनों स्थित हैं, से सूर्य की रोशनी लौटने और उनके सौर पैनलों के जल्द ही चार्ज होने की उम्मीद है। इसरो अब उनसे दोबारा संपर्क स्थापित करने और उनके स्वास्थ्य की जांच करने के लिए तैयार है।
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने गुरुवार लोकसभा में बताया कि 22 सितंबर को चंद्रमा सूर्योदय होने वाला है। उन्होंने कहा दुनिया में हम अपने चंद्रयान-3 मिशन को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर उतारेंगे (जो पिछले महीने हुआ था) और फिर हम इसके गवाह बनेंगे। हम उम्मीद कर सकते हैं कि इस सफल मिशन के साथ ही हम ऐसा करने वाले दुनिया के पहले देश बन जाएंगे।
14 दिनों की नींद के बाद स्लीप मोड से आने को तैयार
सिंह ने लोकसभा में चंद्रयान-3 मिशन की सफलता पर चर्चा का जवाब देते हुए कहा, “14 दिनों की नींद (चंद्रमा पर एक पखवाड़े तक सूर्यास्त के कारण) के बाद, लैंडर विक्रम और रोवर प्रज्ञान की नेविगेशनल गतिविधियां फिर से शुरू हो गई हैं।” अपने एक घंटे से अधिक लंबे जवाब में मंत्री ने कांग्रेस सांसद शशि थरूर की दिन की शुरुआत में की गई टिप्पणी का जवाब दिया कि भाजपा यह कहकर यह धारणा देती है कि सभी वैज्ञानिक उपलब्धियां 2014 के बाद ही हुईं, क्योंकि वह साइकिल पर रॉकेट के हिस्से ले जा रहे थे। वैज्ञानिकों की प्रसिद्ध तस्वीर का हवाला देते हुए कहा, “वह चमत्कार 2014 से पहले का था। नेहरू युग के विपरीत, अब हम तकनीकी रूप से उन्नत हैं।”
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थरूर की टिप्पणी का किया खंडन
इसके अलावा थरूर की एक अन्य टिप्पणी पर कि संसद के विपरीत, महिलाओं को वैज्ञानिक क्षेत्रों में आरक्षण की आवश्यकता नहीं है, पर सिंह ने कहा कि इसरो में पहले से कहीं अधिक महिला वैज्ञानिक हैं और बताया कि यहां तक कि आदित्य एल-1 मिशन का नेतृत्व भी महिला वैज्ञानिक ही कर रही हैं। उन्होंने थरूर की अंतरिक्ष विभाग का बजट न्यूनतम वाली एक अन्य टिप्पणी का भी खंडन किया। सिंह ने कहा, “2014 और अब के बीच विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ अंतरिक्ष विभागों का बजट 142 प्रतिशत बढ़ गया है।”
नीलेश देसाई ने बताया कि हमने लैंडर और रोवर दोनों को स्लीप मोड पर डाल दिया था क्योंकि तापमान शून्य से 120-200 डिग्री सेल्सियस नीचे जाने की उम्मीद थी। हमें उम्मीद है कि चंद्रमा पर सूर्योदय के साथ 22 सितंबर तक सौर पैनल और अन्य चीजें पूरी तरह चार्ज हो जाएंगी। इसलिए हम लैंडर और रोवर दोनों को सक्रिय करने का प्रयास करेंगे।
23 अगस्त को की थी सॉफ्ट लैंडिंग
भारत के चंद्रयान-3 मिशन ने (Chandrayaan 3 Vikram Lander) 23 अगस्त की शाम को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग की। इसके साथ ही भारत चंद्रमा के इस हिस्से पर पहुंचने वाला पहला देश बन गया। चंद्रमा पर उतरने के बाद लैंडर और रोवर तथा यान पर मौजूद अन्य पेलोड ने बहुत महत्वपूर्ण डेटा भेजा। लैंडर और रोवर को एक चंद्र दिवस (लगभग 14 दिन) की अवधि के लिए संचालित करने के लिए डिज़ाइन किया गया था।
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