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स्वतंत्रता दिवस समारोह में शामिल होंगी चंबल की ‘ड्रोन दीदी’, पीएम मोदी करेंगे सम्मानित

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बैतूलः मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल जिले की आजीविका मिशन (Livelihood Mission) से जुड़ी दो महिलाएं 15 अगस्त को दिल्ली में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह (Independence Day Celebrations) में विशेष दर्शक के रूप में मौजूद रहेंगी। जनसंपर्क अधिकारी मुकेश दुबे ने बताया कि दिल्ली में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह में मध्य प्रदेश के छह जिलों की 16 महिलाओं को आमंत्रित किया गया है, जो स्व-सहायता समूहों (Self-help groups) से जुड़कर लखपति दीदी बन गई हैं।

बैतूल जिले के मुलताई विकासखंड के ग्राम पारडसिंघा समूह की मां दुर्गा स्व-सहायता समूह की कल्पना बोडखे और बैतूल विकासखंड के ग्राम बडोरा सिद्धि विनायक स्व-सहायता समूह की पूनम मासोदकर को आमंत्रित किया गया है।

75 एकड़ में ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव

सिलवानी के भानपुर गांव की रहने वाली ड्रोन दीदी वंदना केवट ने बताया कि उन्होंने ग्वालियर में ड्रोन संचालन का प्रशिक्षण लिया, जिसके बाद मार्च में उन्हें निशुल्क ड्रोन मिला। वंदना केवट अब तक 35 से अधिक किसानों के 75 एकड़ में ड्रोन से कीटनाशक का छिड़काव कर चुकी हैं।

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ड्रोन दीदी वंदना केवट ने बताया कि खेतों में कीटनाशक का छिड़काव करने का जो काम डेढ़ से दो घंटे में होता है, वह ड्रोन के जरिए महज 8 से 10 मिनट में हो गया। ड्रोन के जरिए खेतों में कीटनाशक का छिड़काव कर वंदना अब तक करीब 30 हजार रुपये कमा चुकी हैं।

ऐसे बनीं लखपति दीदी

उन्होंने बताया कि मां दुर्गा स्व-सहायता समूह की कल्पना बोडखे समूह से जुड़कर ऋण के माध्यम से उन्नत तकनीक से कृषि कार्य को बढ़ावा दे रही हैं। इसके साथ ही वे ड्रोन पायलट के रूप में प्रशिक्षण प्राप्त कर ड्रोन संचालन का कार्य भी कर रही हैं। इसके अलावा समूह साबुन निर्माण और पैकेजिंग का काम भी कर रहा है, जिससे दीदियों को औसतन 2.16 लाख रुपए सालाना आय हो रही है।

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सिद्धि विनायक स्व सहायता समूह

इसी तरह, सिद्धि विनायक स्व सहायता समूह की पूनम मासोदकर गारमेंट निर्माण और बिक्री, बैंक पत्राचार (बीसी) प्वाइंट संचालन और सामुदायिक संसाधन व्यक्ति (सीआरपी) के रूप में काम कर रही हैं, जिससे दीदियों को औसतन 3.40 लाख रुपए सालाना आय हो रही है। इस आमंत्रण से महिलाएं और परिवार उत्साहित हैं। उनकी सफलता की कहानी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के लखपति दीदी संकल्प को साकार करने की कहानी है।

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