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CG: कृषि मंत्री ने की विभागीय कार्यों की समीक्षा, जैविक खेती को बढ़ावा देने के निर्देश

रायपुर (CG): कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री रामविचार नेताम ने शुक्रवार को नया रायपुर स्थित न्यू सर्किट हाउस के बैंक्वेट हॉल में विभागीय कार्यों की समीक्षा की।

बैठक में मंत्री नेताम ने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ पात्र एवं वास्तविक किसानों को मिले, यह सुनिश्चित किया जाये। केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं को बेहतर ढंग से क्रियान्वित किया जाये। जैविक खेती को बढ़ावा देना चाहिए।

उन्होंने कहा कि सरकार की किसान हितैषी नीतियों के कारण अधिकांश किसान धान की फसल उगाने लगे हैं, लेकिन इससे पानी का उपयोग बढ़ गया है, जिससे भविष्य में पानी की समस्या भी पैदा हो सकती है। इसके अलावा दालें जैसी फसलें उगाने से भूमि की उर्वरता बढ़ती है। इसलिए, किसानों को दलहन और तिलहन जैसी चक्रीय फसलें उगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाना चाहिए और किसानों को इन चक्रीय फसलों के लाभों के बारे में सूचित किया जाना चाहिए।

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बाजरा फसल को दिया जाये बढ़ावा

बैठक में मंत्री नेताम ने कहा कि बाजरा फसल को बढ़ावा दिया जाये और बाजार उपलब्ध कराया जाये, ताकि किसानों को फसल बेचने में कोई परेशानी न हो और उन्हें अपनी उपज का अधिकतम मूल्य मिल सके। कृषि यंत्रीकरण सबमिशन योजना की समीक्षा करते हुए नेताम ने कहा कि इस योजना के माध्यम से छोटे किसानों को कम लागत के उपकरण उपलब्ध करायें, ताकि छोटे किसान भी उन्नत कृषि की ओर बढ़ सकें और आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें।

उद्यानिकी फसलों की व्यापक संभावना

मंत्री ने उद्यानिकी विभाग की समीक्षा करते हुए कहा कि छत्तीसगढ़ में उद्यानिकी फसलों की व्यापक संभावनाएं हैं। हमारे पास बागवानी फसलों के प्रसार के लिए पर्याप्त संसाधन उपलब्ध हैं। बागवानी के क्षेत्र में ऐसा कार्य करें कि देश के अन्य राज्य भी इसका अनुकरण करें। उन्होंने अधिकारियों को नई उद्यानिकी फसलों के उपयोग के लिए एक हजार एकड़ के पायलट प्रोजेक्ट का प्रस्ताव बनाने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि उस जिले की प्रमुख उद्यानिकी फसलों को चिन्हित कर उस फसल को बढ़ावा देने का प्रयास किया जाना चाहिए, ताकि उस फसल के नाम पर जिले का नाम बढ़े।

बैठक में कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार, विशेष सचिव कृषि डॉ. सारांश मित्तर, निदेशक कृषि चंदन त्रिपाठी सहित प्रबंध निदेशक, अपर निदेशक, संयुक्त निदेशक एवं जिले के अधिकारी उपस्थित थे।

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