रांची: राज्य में सूखा का जायजा लेने के लिए केन्द्रीय टीम पहुंची है। टीम नेपाल हाउस स्थित कृषि विभाग के वरीय अधिकारियों और कृषि पशुपालन एवं सहकारिता मंत्री बादल पत्रलेख से मुलाकात की। केंद्रीय टीम ने सूखे को लेकर विस्तृत चर्चा की। कृषि विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक केंद्रीय टीम को राज्य सरकार की तरफ से एक रिपोर्ट भी सौंपी जायेगी।
भारत सरकार की संयुक्त सचिव एस रुक्मणि ने बताया कि राज्य सरकार से जानकारी लेकर 13 जनवरी तक केंद्रीय टीम झारखंड के विभिन्न प्रखंडों का जायजा लेगी। इसके बाद यह आकलन किया जाएगा कि राज्य सरकार की तरफ से जिन क्षेत्रों को सूखाग्रस्त घोषित किया गया है, वहां की स्थिति क्या है।
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दिल्ली से आयी इस टीम में 10 सदस्य हैं। इसमें डॉ मान सिंह, नीति आयोग के एससी मीणा, निदेशक करण चौधरी, पेयजल एवं स्वच्छता विभाग के सलाहकार डी राजशेखर, पशुपालन विभाग के निदेशक वीआर ठाकरे, ग्रामीण विकास के डिप्टी सेक्रेटरी यूके नैयर, जल संसाधन विभाग के निदेशक प्रमोद नारायण, डिपार्टमेंट ऑफ एक्सपेंडिचर के निदेशक महेश कुमार, खादी एवं जन वितरण विभाग के सहायक निदेशक बृजमोहन सिंह शामिल हैं।
उल्लेखनीय है कि साल 2022 में कम बारिश होने की वजह से राज्य में सूखा की स्थिति बन गई थी। बारिश नहीं होने के कारण किसानों को काफी नुकसान हुआ है। इसी को देखते हुए राज्य सरकार की तरफ से किसान परिवार को सहायता राशि के रूप में 3500 रुपये प्रति किसान परिवार को मुहैया कराया जा रहा है। राज्य सरकार ने पूर्वी सिंहभूम और सिमडेगा को छोड़कर झारखंड के 22 जिलों के 226 प्रखंड सूखाग्रस्त घोषित किया है। राज्य सरकार ने केंद्र से सूखा राहत सहायता मद से नौ हजार करोड़ की मांग की है।
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