Friday, January 24, 2025
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CDS Chauhan ने कहा- भारत की स्थिति ‘विश्व मित्र’ और ‘विश्व बंधु’ जैसी

नई दिल्लीः चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल अनिल चौहान (General Anil Chauhan) ने वैश्विक व्यवस्था में भारत की स्थिति को ‘विश्व मित्र’ और ‘विश्व बंधु’ बताया है। उन्होंने भारत की रक्षा के चार अलग-अलग क्षेत्रों यानी परिचालन तैयारी, आधुनिकीकरण, परिवर्तन और स्वदेशीकरण (Operational Readiness, Modernisation, Conversion and Indigenisation) पर प्रकाश डालते हुए कहा कि द्वितीय विश्व युद्ध के बाद के सबसे हिंसक दशक में राष्ट्रों के बीच संघर्ष को रोकने के लिए बल प्रयोग की प्रवृत्ति बढ़ रही है।

आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर दिया जोर

सीडीएस जनरल चौहान बुधवार को नई दिल्ली के मानेकशॉ सेंटर में हेड क्वार्टर इंटीग्रेटेड डिफेंस स्टाफ की रक्षा खुफिया एजेंसी द्वारा आयोजित विदेश सेवा अताशे सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे। सीडीएस ने सैन्य कूटनीति के महत्व को स्पष्ट किया, जिसमें विदेश सेवा अताशे की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने कहा कि बढ़ती अनिश्चितता और असुरक्षा देशों को अपनी राष्ट्रीय सुरक्षा रणनीति को नवीनीकृत करने और रक्षा पर खर्च बढ़ाने के लिए प्रेरित कर रही है। उन्होंने डेटा-केंद्रित युद्ध के महत्व और युद्ध में क्रांति लाने में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की भूमिका पर जोर दिया।

हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर हो रहा भारत

सीडीएस ने रक्षा क्षमता विकास और रणनीतिक स्वायत्तता के लिए भारत की आत्मनिर्भरता के बारे में जानकारी दी। रक्षा खुफिया एजेंसी के महानिदेशक लेफ्टिनेंट जनरल डीएस राणा ने बताया कि भारत की रक्षा कूटनीति प्रकृति के साथ-साथ भौगोलिक कवरेज के मामले में लगातार विस्तार कर रही है, जिसमें सुरक्षा सहयोग एक प्रमुख घटक है। उन्होंने रक्षा में आत्मनिर्भरता और स्वदेशीकरण के दृष्टिकोण पर प्रकाश डाला और एफएसए से आधुनिकीकरण कार्यक्रमों में प्रत्यक्ष अनुभव प्राप्त करने का आग्रह किया।

यह भी पढ़ेंः-वैश्विक शांति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा भारत-अमेरिका संयुक्त सैन्य अभ्यास

लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला (सेवानिवृत्त) ने ‘भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा: चुनौतियां और अवसर’ पर बात की। वाइस एडमिरल प्रदीप चौहान (सेवानिवृत्त) ने ‘इंडो-पैसिफिक क्षेत्र प्रतिस्पर्धा, सहयोग और चुनौतियां’ पर विचार-विमर्श किया।

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