नई दिल्ली: जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर ड्रोन हमले और उसके बाद पाकिस्तान की सीमा पर लगातार देखे जा रहे ड्रोन के बीच सैन्य बलों के प्रमुख (सीडीएस) जनरल बिपिन रावत ने गुरुवार को पाकिस्तान से लगी नियंत्रण रेखा के साथ राजौरी-पुंछ सेक्टर का दौरा किया और मौजूदा सुरक्षा स्थिति और परिचालन तैयारियों की समीक्षा की। सीडीएस ने पाकिस्तान की साजिशों को नाकाम बना रहे सैनिकों का हौसला भी बढ़ाया। जनरल रावत ने आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने और हथियारों की तस्करी के लिए सीमा पार से ड्रोन का इस्तेमाल करने पर चिंता जताई। वहीं सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने गुरुवार को राजस्थान में जैसलमेर सैन्य स्टेशन और पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज का दौरा किया।
सीडीएस बिपिन रावत दो दिन की यात्रा पर बुधवार को जम्मू पहुंचे और 16 कोर मुख्यालय नगरोटा में सेना के अधिकारियों के साथ बैठक करके मौजूदा सुरक्षा चुनौतियों व उनका सामना करने के लिए उठाए जा रहे कदमों के बारे में जानकारी ली। उनका यह दौरा जम्मू हवाई अड्डे पर हमला करने के लिए आतंकवादियों द्वारा ड्रोन का इस्तेमाल करने के कई हफ्ते बाद हुआ है। इसलिए उन्होंने जम्मू एयरफोर्स स्टेशन पर 26 जून की रात को हुए ड्रोन अटैक के बाद सुरक्षा हालात के बारे में भी जानकारी ली। आज भी सुबह सांबा सेक्टर के रामगढ़ में और कठुआ के हीरानगर में अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास ड्रोन देखे गए। तीसरे ड्रोन को जम्मू एयर फ़ोर्स स्टेशन के पास आज डीआरडीओ के एंटी ड्रोन सिस्टम ने निष्क्रिय कर दिया।
जम्मू के पलांवाला सेक्टर में बुधवार देर रात भी बीएसएफ के जवानों ने ड्रोन को उड़ते देख गोलीबारी की और वापस खदेड़ दिया। इसी तरह मंगलवार देर रात को भी पाकिस्तानी रेंजरों ने अपनी जुमट पोस्ट से जम्मू के अरनिया सेक्टर की जबोवाल पोस्ट व छाबनी पोस्ट के ऊपर ड्रोन उड़ाया था। बीएसएफ की 42 वाहिनी के जवानों ने गोलीबारी कर ड्रोन को वापस भगा दिया था। इसी तरह जम्मू में दो जुलाई को अरनिया सेक्टर के जबोवाल पोस्ट के पास पाकिस्तानी ड्रोन देखा गया था। इससे पहले रत्नूचक्क इलाके में भी ड्रोन देखा गया था। सेना की ब्रिगेड हेडक्वार्टर के नजदीक दो ड्रोन उड़ते हुए देखे गए थे। यह ड्रोन करीब 75 मीटर के ऊंचाई पर उड़ रहे थे। जवानों की गोलीबारी के बाद दोनों ड्रोन गायब हो गए थे। जम्मू के बाहरी इलाकों में बार-बार ड्रोन देखे जाने के बाद सुरक्षा एजेंसियां भी सतर्क हो गई हैं।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत गुरुवार को अंतरराष्ट्रीय सीमा और पाकिस्तान के साथ नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा करने के लिए राजौरी और पुंछ सेक्टर का दौरा किया। उन्होंने मौजूदा सुरक्षा स्थिति और परिचालन तैयारियों की समीक्षा की। उन्होंने राजौरी और पुंछ जिलों का दौरा करने के बाद वापसी में अखनूर में नियंत्रण रेखा के सुरक्षा हालात की भी जानकारी ली। जम्मू संभाग में नियंत्रण रेखा की सुरक्षा हालातों का जायजा लेने के बाद सीडीएस ने पाकिस्तान की साजिशों को नाकाम बना रहे सैनिकों का हौसला भी बढ़ाया। जनरल रावत ने यहां आतंकवादी गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए भारत में हथियारों की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल करने वाले आतंकवादियों पर भी चिंता व्यक्त की है। सेना की उत्तरी कमान के अधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद चीफ आफ डिफेंस स्टाफ का दो दिवसीय जम्मू दौरा खत्म हो गया।
इस बीच, सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे ने गुरुवार को राजस्थान में जैसलमेर सैन्य स्टेशन का दौरा किया और कोर ऑफ आर्टिलरी की परिचालन तैयारियों की समीक्षा की। जनरल नरवणे को कोणार्क कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग और फॉर्मेशन कमांडरों ने परिचालन स्थिति और तैयारी के बारे में जानकारी दी। जनरल एमएम नरवणे दक्षिणी कमान के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल जेएस नैन के साथ पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज भी गए जहां उन्होंने विभिन्न आर्टिलरी गन सारंग तोप, बोफोर्स तोप और धनुष तोपों की फायरिंग देखी। इनमें वह उपकरण भी शामिल हैं जो स्वदेशी निर्माताओं द्वारा विकसित किए जा रहे हैं।