रांची: धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश (अष्टम) उत्तम आनंद की संदिग्ध मौत मामले में सीबीआई अपनी जांच के क्रम में एक बार फिर मंगलवार को तीसरी बार घटनास्थल रणधीर वर्मा चौक के समीप पहुंची। जांच के दौरान सीबीआई की विशेष टीम ने ऑटो की रफ्तार और घुमाव को लेकर मापी की। टीम ने ऑटो के घूमने के एंगल की भी जांच की।
इससे पहले सीबीआई की टीम ने दो दिन घटनास्थल पर जिस ऑटो से टक्कर लगी थी, उसे घटना को री-क्रियेट किया था। वहीं सीबीआई की विशेष टीम ने ऑटो चालक लखन और सहयोगी राहुल का नारको टेस्ट और ब्रेन मैपिंग मंगलवार को सिंफर परिसर में किया है।
उल्लेखनीय है कि सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने मामले में कोई ठोस जांच तक नहीं पहुंचने को लेकर सीबीआई को फटकार लगायी थी। साथ ही हर सप्ताह जांच रिपोर्ट सीबीआई से मांगी गयी है।
अब तक क्या हुआ
- 28 जुलाई को धनबाद में मॉर्निंग वॉक के दौरान एक ऑटो के टक्कर से जज उत्तम आनंद की मौत हो गई थी।
- 29 जुलाई को गिरिडीह और धनबाद से आरोपित गिरफ्तार।
- 29 जुलाई को मामला हाईकोर्ट पहुंचा, कोर्ट ने लगायी फटकार।
- 29 जुलाई को एडीजी रैंक के अधिकारी के नेतृत्व में एसआईटी गठित।
- 29 जुलाई को सीसीटीवी फुटेज में जान बूझकर टक्कर मारने का मिला सबूत।
- 30 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने डीजीपी और सीएस से मांगी रिपोर्ट।
- 31 जुलाई को मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सीबीआई जांच की अनुशंसा की।
- 04 अगस्त को सीबीआई ने जांच शुरू की।
- 05 अगस्त को अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी सह सीबीआई की विशेष न्यायाधीश शिखा अग्रवाल की अदालत में आवेदन दायर कर जेल में बंद ऑटो चालक लखन वर्मा और उसके सहयोगी राहुल वर्मा को पांच दिनों पर रिमांड पर देने की मांग की गई। अदालत ने दोनों को पांच दिनों की रिमांड पर देने की अनुमति दे दी।
- 07 अगस्त को सीबीआई की टीम ने घटनास्थल पर ऑटो और जज के डमी की मदद से घटना को रि-क्रिएट किया।
- 08 अगस्त को सीबीआई ने एक बार फिर घटनास्थ पर रि-क्रिएट क्राइम सीन किया। दोनों आरोपित भी मौजूद थे।
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