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CBI की MP में दूसरे दिन भी रेड, 16 जगहों पर मारा छापा, डायरेक्टर गिरफ्तार

भोपालः केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने 20 लाख रुपये के रिश्वत लेनदेन में भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के दो अधिकारियों, बंसल कंस्ट्रक्शन कंपनी के दो निदेशकों और दो कर्मचारियों के खिलाफ लगातार दूसरे दिन कार्रवाई की है। सीबीआई की दिल्ली और नागपुर की टीमों ने सोमवार को संयुक्त कार्रवाई करते हुए एनएचएआई भोपाल के डीजीएम और विदिशा में पदस्थ प्रोजेक्ट डायरेक्टर को भी गिरफ्तार कर लिया।

डायरेक्टर को किया गिरफ्तार

इससे पहले रविवार को सीबीआई की टीम ने एनएचएआई के जीएम और प्रोजेक्ट डायरेक्टर नागपुर अरविंद काले, हरदा में पदस्थ उप महाप्रबंधक ब्रिजेश कुमार साहू, भोपाल स्थित बंसल कंस्ट्रक्शन कंपनी के निदेशक अनिल बंसल, कुणाल बंसल और बंसल कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मचारी सी कृष्णा के यहां छापा मारा था। यहां से छतर सिंह को गिरफ्तार कर लिया गया था। सोमवार को नागपुर और दिल्ली की सीबीआई टीम ने संयुक्त कार्रवाई करते हुए रिश्वत के इसी मामले में एनएचएआई के भोपाल डीजीएम राजेंद्र कुमार गुप्ता और विदिशा के प्रोजेक्ट डायरेक्टर हेमंत कुमार को गिरफ्तार कर लिया।

रिमांड पर लिए गए सभी आरोपी

जानकारी के मुताबिक, सोमवार को सीबीआई की अलग-अलग टीमों ने नागपुर, भोपाल, हरदा, विदिशा और डिंडोरी में आरोपियों के दफ्तर, आवास और ठिकानों समेत कुल 16 जगहों पर छापेमारी की। छापेमारी के दौरान करीब 90 लाख रुपये की नकदी और आभूषण बरामद किये गये हैं। रविवार को सीबीआई ने 20 लाख रुपये की रिश्वत राशि समेत कुल एक करोड़ दस लाख रुपये बरामद किये थे। सोमवार को वसूली की यह रकम करीब-करीब बढ़कर 2 करोड़ एक लाख रुपये हो गयी। सीबीआई ने सभी आरोपियों को भोपाल की विशेष सीबीआई अदालत में पेश कर पूछताछ के लिए रिमांड पर लिया है। यह भी पढ़ेंः-अकबरनगर में अवैध निर्माण पर कार्रवाई, दहशत चारों ओर सीबीआई से मिली जानकारी के मुताबिक, बंसल कंस्ट्रक्शन कंपनी के अधिकारी और कर्मचारी विदिशा, भोपाल, हरदा से लेकर नागपुर तक कंपनी को दिए गए ठेकों के कंप्लीशन सर्टिफिकेट, प्रोग्रेस शीट और बिलों के भुगतान को लेकर लगातार संपर्क में रहते थे और प्राप्त करते थे। रिश्वत देकर किया गया काम। इसी वजह से सोमवार को भोपाल और विदिशा के एनएचएआई अधिकारियों को भी गिरफ्तार किया गया। सीबीआई की टीमें सभी अधिकारियों से पूछताछ कर रही है और जानकारी जुटा रही है कि रिश्वत का यह धंधा कितने समय से चल रहा था और कौन-कौन से प्रोजेक्ट रिश्वत लेकर पास किए गए और अब तक अधिकारियों ने कितने करोड़ की रिश्वत ली है।