शिमलाः प्रवर्तन निदेशालय (ED) शिमला कार्यालय के एक वरिष्ठ अधिकारी पर भ्रष्टाचार और रिश्वतखोरी के गंभीर आरोप लगने के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने हिमाचल प्रदेश में कई जगहों पर छापेमारी की। आरोपी अधिकारी के खिलाफ CBI ने चंडीगढ़ में एफआईआर दर्ज की है। इसके बावजूद अभी तक आरोपी का कोई सुराग नहीं मिल पाया है।
CBI ने भाई को पहले ही गिरफ्तार
इस मामले में CBI आरोपी अधिकारी के भाई को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है और उससे पूछताछ जारी है। जानकारी के मुताबिक ED के इस अधिकारी पर ढाई करोड़ रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है। यह रिश्वत सिरमौर जिले के एक शिक्षण संस्थान के चेयरमैन से मांगी गई थी। इसके बाद चेयरमैन को ED कार्यालय बुलाया गया। आरोप है कि यह मांग दो अन्य अधिकारियों ने की थी और बाद में मामला वरिष्ठ अधिकारी के पास भेज दिया गया जिन्होंने अलग से रिश्वत मांगी थी।
CBI ने तीन राज्यों में की छापेमारी
चेयरमैन ने इस मामले की शिकायत CBI चंडीगढ़ से की। इसके अलावा ED जांच से गुजर रहे एक अन्य व्यक्ति ने भी रिश्वत मांगे जाने की शिकायत CBI से की। इन शिकायतों के आधार पर CBI ने जांच शुरू की और जाल बिछाया। रिश्वत लेने के लिए आरोपी अधिकारियों ने जीरकपुर और पंचकूला में अलग-अलग जगह तय की। CBI की टीम ने इन जगहों पर जाल बिछाया लेकिन आरोपी अधिकारी फरार हो गए। इस दौरान CBI ने आरोपी अधिकारी के भाई को गिरफ्तार किया, जो दिल्ली में एक बैंक में उच्च पद पर तैनात है। जानकारी के मुताबिक डील फाइनल करने में उसकी भूमिका थी। आरोपी अधिकारी की तलाश में CBI ने अपनी जांच का दायरा बढ़ाते हुए हिमाचल, हरियाणा और चंडीगढ़ में छापेमारी की है।
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CBI की टीम ने तीन दिन पहले शिमला समेत हिमाचल में कई जगहों पर छापेमारी की थी। हालांकि भनक लगते ही आरोपी अधिकारी फरार हो गया। बताया जा रहा है कि इस मामले में तीन से चार अधिकारी शामिल हैं, जिनकी तलाश जारी है। इनमें से दो अधिकारी ED में भी उच्च पदों पर तैनात बताए जा रहे हैं। हिमाचल के अलावा CBI ने हरियाणा और चंडीगढ़ में भी अपना जाल बिछाया है। हिमाचल में कई जगहों पर CBI की छापेमारी चल रही है। ED के इन अधिकारियों पर मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच के दौरान अपने पद का दुरुपयोग कर रिश्वत मांगने का आरोप है। जानकारी के मुताबिक इस मामले में कई और लोगों की संलिप्तता उजागर हो सकती है।
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