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CBI कोर्ट ने व्यापमं मामले के सात दोषियों को सुनाई सात-सात साल की सजा

भोपालः मध्य प्रदेश के बहुचर्चित व्यापमं गड़बड़ी मामले में दोषियों के खिलाफ कार्रवाई अभी भी जारी है। इसी क्रम में राजधानी भोपाल की विशेष CBI अदालत ने मंगलवार को एक दशक पुराने व्यापमं मामले (अब मध्य प्रदेश कर्मचारी चयन बोर्ड-एमपीईएसबी) में सात दोषियों को सात-सात साल सश्रम कारावास की सजा सुनाई। अदालत ने प्रत्येक दोषी पर 10-10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

सॉल्वरों की मदद से पास की परीक्षा

सीबीआई जज नीतिराज सिंह सिसौदिया ने यह फैसला सुनाया है। उन्होंने आईपीसी की प्रासंगिक धाराओं और मध्य प्रदेश मान्यता प्राप्त शिक्षा (एमपीआरई) अधिनियम के प्रावधानों के तहत पांच उम्मीदवारों और दो सॉल्वरों को दोषी ठहराया। पांचों अभ्यर्थियों की पहचान मुकेश रावत, अजब सिंह, वासुदेव त्यागी, सुनील त्यागी और आशीष शर्मा के रूप में हुई, जबकि सॉल्वरों की पहचान सुनील श्रीवास्तव और अवधेश गोस्वामी के रूप में हुई। अभ्यर्थी मुकेश रावत के स्थान पर सॉल्वर सुनील श्रीवास्तव और अजब सिंह के स्थान पर सॉल्वर अवधेश गोस्वामी परीक्षा में बैठे। इसी तरह वासुदेव त्यागी, सुनील त्यागी और आशीष शर्मा के लिए भी अज्ञात सॉल्वर परीक्षा में शामिल हुए। अभियोजक ने कहा कि परिणामस्वरूप उक्त पांच उम्मीदवार पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2013 में उत्तीर्ण हुए। यह भी पढ़ेंः-पीएम मोदी आज करेंगे नौवें रायसीना डायलॉग का उद्घाटन सीबीआई के लोक अभियोजक सुशील कुमार पांडे ने कहा कि 2013 में व्यापमं द्वारा आयोजित मध्य प्रदेश पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के दौरान सभी पांच उम्मीदवारों ने सॉल्वरों की मदद से परीक्षा दी थी। परिणामस्वरूप सभी पांच अभ्यर्थियों ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा 2013 उत्तीर्ण कर ली। जब मामला सामने आया तो मामला दर्ज किया गया और जांच शुरू की गई। मामले में सभी आरोपियों के खिलाफ सीबीआई ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर(X) पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)