कोलकाताः बहुचर्चित नारदा स्टिंग ऑपरेशन मामले में गिरफ्तार ममता कैबिनेट के दो मंत्रियों सहित चार बड़े नेताओं की जमानत स्थगन को लेकर सीबीआई जी तोड़ कोशिश कर रही है। बुधवार दोपहर 2:00 बजे के बाद कलकत्ता उच्च न्यायालय में मामले की सुनवाई होनी है। सीबीआई ने इस मामले की सुनवाई और अन्य कानूनी प्रक्रिया को को पश्चिम बंगाल से हटाकर दूसरे राज्य में शिफ्ट करने की अर्जी लगाई है। अब जांच एजेंसी की ओर से इस मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और कानून मंत्री मलय घटक को भी नामजद किया गया है।
केंद्रीय एजेंसी का कहना है कि राज्य की मुख्यमंत्री से लेकर कानून मंत्री तक पूरी जांच प्रक्रिया को बाधित करने में जुटे हुए हैं इसलिए मामले की सुनवाई दूसरे राज्य में किए जाने की अनुमति दी जानी चाहिए। उल्लेखनीय है कि सोमवार को सीबीआई की टीम ने सेंट्रल फोर्स के जवानों की मदद से राज्य के परिवहन मंत्री फिरहाद हकीम, पंचायत मंत्री सुब्रत मुखर्जी, विधायक मदन मित्रा और कोलकाता के पूर्व मेयर शोभन चटर्जी को गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद मुख्यमंत्री सीबीआई दफ्तर जा पहुंची थी और छह घंटे तक धरने पर बैठी रही थीं। इसकी वजह से बड़ी संख्या में एकत्रित हुए तृणमूल कार्यकर्ताओं ने सीबीआई दफ्तर को घेर लिया था और उग्र प्रदर्शन किया था।
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वर्चुअल पेशी के दौरान निचली अदालत ने उसी दिन चारों को जमानत भी दे दी थी, लेकिन तुरंत सीबीआई ने हाईकोर्ट में याचिका लगाई और मुख्य न्यायाधीश ने इन्हें बुधवार तक जेल में रखने का आदेश दिया था। आज इसकी सुनवाई होनी है। दूसरी ओर इन चारों नेताओं ने न्यायालय के फैसले को लेकर पुनर्विचार याचिका लगाई है। दोनों ही मामलों की सुनवाई एक साथ होगी।