कानपुरः कोरोना के नये वेरिएंट ओमिक्रोन को लेकर भारत में भी लोगों में बेचैनी बढ़ रही है। हालांकि अभी भारत में नाममात्र के केस सामने आये हैं। इन सबके बीच कोरोना पर गणितीय मॉडल के जरिये अध्ययन करने वाले कानपुर आईआईटी के प्रोफेसर मणीन्द्र अग्रवाल का दावा है कि नये साल में ओमिक्रोन का भारत में असर दिखेगा और फरवरी माह में पीक पर रहेगा, जिससे कोरोना की तीसरी लहर आती दिख रही है।
दक्षिणी अफ्रीका में कोरोना वायरस के ओमिक्रोन वैरिएंट के अब तक के आंकड़ों का अध्ययन करने के बाद आईआईटी के प्रोफेसर व पद्मश्री मणीन्द्र अग्रवाल का अनुमान है कि नए साल में तीसरी लहर आ सकती है और फरवरी में पीक पर होगी। उन्होंने बताया कि यह माना जा सकता है कि ओमिक्रोन वैरिएंट फैलना शुरू हो गया है। इससे कोरोना संक्रमण की तीसरी लहर अगले साल की शुरुआत में अपने चरम पर पहुंचने की उम्मीद है। ओमिक्रोन वैरिएंट कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की तुलना में काफी तेजी से फैल रहा है। उन्होंने सुझाव दिया है कि लोग सावधान रहें, जिन्होंने टीकाकरण नहीं कराया है, वे जल्द वैक्सीन करवाएं और खुद ही लॉकडाउन के नियमों का पालन करें।
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दूसरी लहर की तरह नहीं होंगे हालात
प्रो. अग्रवाल ने कहा कि अगर माना जाए कि भारत में ओमिक्रोन अभी से फैलना शुरू हो चुका है तो तीसरी लहर अगले साल के शुरुआती महीनों में चरम स्तर पर होगी। इसके बाद इसमें गिरावट आएगी। हालांकि दूसरी लहर के दौरान देश में जिस तरह के हालात थे और अस्पताल व ऑक्सीजन बेड की काफी डिमांड थी, ओमिक्रोन आने से वैसी जरूरत नहीं पड़ेगी। भारतीयों लोगों में नेचुरल इम्युनिटी बहुत मजबूत है। ऐसे में यह वेरिएंट अधिक घातक साबित नहीं होगा।
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