प्रदेश हरियाणा क्राइम

ट्यूबवेल लगा ही नहीं, ठेकेदार को किया लाखों का भुगतान, चीफ इंजीनियर सहित कई पर केस दर्ज

फरीदाबाद: नगर निगम अधिकारियों की मुश्किल कम होने का नाम नहीं ले रही। नक्शा पास करवाने के एवज में ढाई लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में एसडीओ सुमेर सिंह, ज्वाइंट कमिश्नर की पीए प्रवीण कालरा और बेलदार अमरपाल के खिलाफ मुकदमा दर्ज होने के बाद अब इंजीनियरिंग ब्रांच के कई और अधिकारियों पर भी पुलिस ने एफआईआर दर्ज की है।

यह मुकदमा भी पंजाब एवं चंडीगढ़ हाई कोर्ट के निर्देश पर थाना एनआईटी में दर्ज हुआ है। एफआईआर नंबर-0113 दिनांक 20-3-2022 के अनुसार आरोपित अधिकारियों में मौजूदा चीफ इंजीनियर बीके कर्दम, मौजूदा एक्सईएन पदम भूषण, मौजूदा एसडीओ अमित चौधरी और जेई कुशल राव शामिल हैं। इन सभी अधिकारियों पर सेक्टर 21 डी के मकान नंबर 109 के पास ट्यूबवेल लगाने की आड़ में सरकारी खजाने को लाखों रुपये का चूना लगाने का आरोप है।

इस संबंध में हाई कोर्ट में नवनीत सेठी ने याचिका दायर की थी। याची के वकील सुरेंद्र सिंह के मुताबिक हाई कोर्ट ने फरीदाबाद पुलिस को आरोपित अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए। इसके बाद पुलिस ने चीफ इंजीनियर बीके कर्दम, एक्सईएन पदम भूषण, एसडीओ अमित चौधरी और जेई कुशल राव के खिलाफ एफआईआर दर्ज की।

यह मामला वर्ष 2018 का है। डी प्लान के तहत ट्यूबवेल स्वीकृत हुआ था। नगर निगम के रिकॉर्ड के अनुसार यह ट्यूबवेल चालू है। हकीकत यह है कि ट्यूबवेल लगाया ही नहीं गया। यह मुद्दा आरडब्ल्यूए के चेयरमैन बीपी समस्तम भी उठा चुके हैं। उन्होंने इसकी शिकायत प्रशासन से की थी। इस मसले को हाई कोर्ट की चौखट पर ले जाने वाले नवनीत सेठी इंजीनियरिंग विभाग के अधिकारियों के अलावा एसडीओ सुमेर सिंह के खिलाफ नक्शा पास करवाने के एवज में ढाई लाख रुपये की रिश्वत लेने का मुकदमा भी दर्ज करवा चुके हैं।

पुलिस एफआईआर के अनुसार इस ट्यूबवेल के फर्जी बिल बनाकर पेमेंट जारी किया गया। यही नहीं बिजली बिल का करीब छह लाख रुपये का भुगतान भी नगर निगम ने किया। आरोप है कि इस पूरे मामले में हरियाणा का एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी भी शामिल है। यह ट्यूबवेल आईएएस अधिकारी के रिश्तेदारों के घर के पास लगाया जा रहा था। इस अधिकारी के हस्तक्षेप के बाद निगम अधिकारियों ने यह ट्यूबवेल नहीं लगाया।एफआईआर के अनुसार ऐसा ही एक और ट्यूबवेल लगाने का मामला इंदिरा एन्कलेव के मकान नंबर जी.1/ 315 के पास का है। यहां चलते हुए ट्यूबवेल को जेई कुशल राव ने बंद करवा दिया। यह ट्यूबवेल तब तक ही चलाया गया, जब तक बिल्डिंग का निर्माण कार्य होता रहा।

यह भी पढ़ेंः-कांग्रेस से निष्कासित सदस्य ने प्रियंका गांधी से की इस्तीफे की...

पुलिस ने इस मामले में संबंधित अधिकारियों के खिलाफ धारा 120 बी, 406 एवं 420 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। बीपी समस्तम का कहना है कि मामला अदालत में विचाराधीन है। इससे अधिक वह इस पर कुछ नहीं कहना चाहते। नगर निगम के अधिकारियों का कहना है कि मौके पर ट्यूबवेल लगाया गया है और इस मामले की जांच हो चुकी है। उन्होंने किसी भी प्रकार का गलत काम नहीं किया है, वह हर जांच का सामना करने के लिए तैयार हैं।

(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर  पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें…)