Sunday, January 5, 2025
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दिल्ली के बाद अब इस राज्य में चलेगा बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं के खिलाफ अभियान

रायपुरः राज्य सरकार राज्य में बांग्लादेशियों और रोहिंग्याओं (Rohingya) की पहचान कर उन्हें पकड़ने के लिए विशेष अभियान चलाएगी। उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का आंकड़ा पेश करते हुए यह जानकारी दी। उपमुख्यमंत्री और गृहमंत्री विजय शर्मा ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में कहा कि ऐसे संदिग्धों की जांच की जा रही है, जो बिना किसी दस्तावेज और पहचान के अलग-अलग जगहों पर रह रहे हैं। अगर ऐसे लोग छत्तीसगढ़ से बाहर भी जाते हैं, तो उन्हें ढूंढ निकाला जाएगा।

बांग्लादेशी और Rohingya के दस्तावेजों की हो रही जांच

बांग्लादेशी घुसपैठियों के खिलाफ की गई कार्रवाई का आंकड़ा पेश करते हुए उन्होंने कहा कि दो हजार से ज्यादा लोगों के खिलाफ कार्रवाई की गई है। संदिग्धों के आधार कार्ड, राशन कार्ड, पैन कार्ड आदि दस्तावेजों की जांच की जा रही है। बिना किसी पहचान पत्र के राज्य में रहने वालों को पकड़ने के लिए गृह विभाग जल्द ही एसओपी (स्टैंडिंग ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी करने की तैयारी कर रहा है। सरकार के मुताबिक राज्य सरकार ने केंद्र को पत्र लिखकर अनुशंसा के आधार पर बनाए गए आधार कार्डों की जानकारी मांगी है। फर्जीवाड़े में शामिल जनप्रतिनिधियों पर भी कार्रवाई हो सकती है।

1500 बांग्लादेशी और Rohingya के होने की सूचना

इसके बाद कानून व्यवस्था बनाए रखने और राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए Bangladeshi और Rohingya की पहचान कर उन्हें वापस भेजने के लिए कदम उठाए जाएंगे। राज्य से बाहर गए बांग्लादेशी घुसपैठियों के नंबर बंद आ रहे हैं, जिसके बाद पुलिस आईएमईआई नंबर के आधार पर उनका पता लगा रही है। अधिकांश बांग्लादेशी घुसपैठिए फेरी लगाते थे या फिर फैक्ट्रियों में काम करते थे। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार गृह विभाग को दुर्ग जिले में 1500 बांग्लादेशी और रोहिंग्याओं के होने की जानकारी मिली है। भिलाई स्टील प्लांट (बीएसपी) में सैकड़ों कर्मचारी ठेके पर काम कर रहे हैं, जिनके पास नागरिकता संबंधी कोई दस्तावेज नहीं है।

Bangladeshi और Rohingya पर पुलिस लगातार कर रही कार्रवाई

दुर्ग जिले के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक एएसपी सुखनंदन राठौर ने बताया कि अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशी रोहिंग्या मुसलमानों को लेकर तलाशी अभियान चलाया जा रहा है। इस दौरान हथखोज में 200 घरों की तलाशी ली गई, फिलहाल 21 संदिग्ध लोगों से पूछताछ की जा रही है। तलाशी अभियान अभी भी जारी है। पिछले महीने भिलाई-3 थाने की पुलिस को जांच के दौरान हथखोज औद्योगिक क्षेत्र न्यू कॉलोनी में 33 संदिग्ध लोग मिले थे, जो बांग्लादेश सीमा के पास पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे। पुलिस ने सभी को चेतावनी देकर जाने दिया था। राजनांदगांव जिले के मोहला-मानुपर में भी पुलिस ने संदिग्धों को पकड़ा था, जो आठ महीने से वहां अवैध रूप से रह रहे थे। कोंडागांव जिले में पिछले महीने 40 से ज्यादा संदिग्धों को बांग्लादेशी और रोहिंग्या होने के संदेह में गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया था। यहां से उन्हें सेंट्रल जेल भेज दिया गया था। गृह विभाग के पास भी 58 ऐसे लोगों की सूची है, जो पश्चिम बंगाल से बस्तर आए हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है।

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गौरतलब है कि विधानसभा के शीतकालीन सत्र में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पूछा था कि अब तक कितने घुसपैठियों पर कार्रवाई की गई है? विजय शर्मा ने तब भी कहा था कि छत्तीसगढ़ में कोई भी अपनी पहचान बताए बिना नहीं रह सकता। डिप्टी सीएम ने कहा था कि कवर्धा, दुर्ग-भिलाई के साथ बलौदाबाजार और अन्य जगहों पर कार्रवाई की गई है और आगे भी कार्रवाई जारी रहेगी।

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