कोलकाताः पश्चिम बंगाल की ममता सरकार को कलकत्ता हाईकोर्ट से बड़ा लगा है। पश्चिम बंगाल रामनवमी के दौरान हुई सांप्रदायिक हिंसा (Ramnavami violence) मामले में कलकत्ता हाईकोर्ट ने राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) से जांच कराने के आदेश दे दिया है। गुरुवार को कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति टीएस शिवगणनम और हिरणमई भट्टाचार्य की खंडपीठ ने यह आदेश जारी किया है। आज से ही NIA इस पूरे मामले की जांच शुरू कर देगी। जांच संबंधी सभी रिपोर्ट और दस्तावेज बंगाल पुलिस को दो सप्ताह के अंदर एनआईए को सौंपने होंगे।
दरअसल पश्चिम बंगाल रामनवमी पर निकाए गए जुलूस के दौरान कई जगहों पर सांप्रदायिक हिंसा (Ramnavami violence) व पत्थरबाजी हुई थी। जिस पर नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी ने इसे लेकर याचिका लगाई थी। उन्होंने दावा किया था कि रामनवमी की शोभायात्राओं पर योजनाबद्ध तरीके से हमले किए गए हैं। जिन्होंने रामनवमी शोभायात्रा के रास्ते हमले की पूरी योजना बनाई थी।
इतना ही नहीं इस वीडियो को कोर्ट में भी पेश किया गया। जिसमें पुलिस स्थिति को संभालने के बजाय जुलूस पर पथराव कर रहे अल्पसंख्यक समुदाय के साथ चुपचाप खड़ी नजर आई। इसको लेकर कोर्ट ने टिप्पणी की कि राज्य पुलिस द्वारा की जा रही जांच पर्याप्त नहीं होगी। निश्चित तौर पर इसे एनआईए को सौंपा जाना चाहिए।
हिंसा में एक युवक की हो गई थी मौत
बता दें कि पश्चिम बंगाल में रामनवमी के मौके पर 30 मार्च 2023 को हावड़ा, इस्लामपुर, उत्तरी दिनाजपुर में शोभायात्रा के दौरान झड़पें हुई थीं। इस हिंसा में एक युवक की मौत हो गई थी। जिसके बाद दो दिनों में हावड़ा और रिसड़ा के अलावा कई अन्य जगहों पर शोभायात्रा के दौरान आगजनी और हिंसक घटनाएं हुईं थीं। जिमसें कई लोग घायल हुए थे।
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