25 साल की उम्र में कैबिनेट मंत्री, दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री, ऐसा रहा सुषमा स्वराज का सफर

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नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी की वरिष्ठ नेता व पूर्व विदेश मंत्री रहीं सुषमा स्वराज का 6 अगस्त 2019 को निधन हो गया था। सुषमा स्वराज की आज दूसरी पुण्यतिथि है। उनकी पुण्यतिथि पर कई राजनेताओं ने उन्हें श्रद्धांजलि दी है। सुषमा एक शानदार राजनेता होने के साथ एक अच्छी अधिवक्ता व कुशल प्रशासक थीं। सुषमा स्वराज का नाम भारतीय जनता पार्टी के तेज तर्रार नेताओं में हमेशा गिना जायेगा।

14 फरवरी 1952 को हरियाणा के अंबाला छावनी में जन्मीं सुषमा स्वराज अंबाला के सनातन धर्म कॉलेज से संस्कृत और राजनीति विज्ञान में ग्रेजुएशन कंप्लीट किया। 1970 में सुषमा को अपने कॉलेज में सर्वश्रेष्ठ छात्रा के रुप में सम्मानित किया गया था। इसके अलावा तीन साल तक एसडी कॉलेज छावनी की NCC की सर्वश्रेष्ठ कैडेट के साथ 3 साल तक राज्य की श्रेष्ठ वक्ता भी रही।

सुषमा ने इसके बाद पंजाब विश्वविद्यालय से कानून की शिक्षा प्राप्त की। 1973 में उन्होंने भारत के सर्वोच्च न्यायालय में एक वकील के रूप में प्रेक्टिस शुरू की थी। इस बीच सुषम स्वराज ने अपने सहयोगी व सुप्रीम कोर्ट के वकील स्वराज कौशल से 13 जुलाई 1975 को शादी कर ली।

जिसके बाद सुषमा स्वराज में राजनीति कदम रखा और फिर कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। 1990 में सुषमा स्वराज पहली बार राज्यसभा और 1996 में पहली बार 11वीं लोकसभा के लिए चुनी गई थीं। सुषमा को अटल बिहारी की 13 दिन की सरकार में केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्रालय की कमान सौंपी गई थी। सुषमा स्वराज के नाम 25 साल की उम्र में कैबिनेट मंत्री बनने का भी रिकॉर्ड है। वह 27 साल की उम्र में हरियाणा में भारतीय जनता पार्टी की अध्यक्ष भी बनीं।

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इसके अलावा सुषमा को दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का सौभाग्य भी प्राप्त है। बतौर विदेश मंत्री वह सोशल मीडिया पर काफी एक्टिव थीं, इस दौरान उन्होंने मदद मांगने वाले हर शख्स की सहायता की। 6 अगस्त 2019 को दिल का दौरा पड़ने से भारतीय राजनीति का एक चमकता सितारा हमेशा के लिए ओझल हो गया। हालांकि सुषमा स्वराज का नाम भारतीय जनता पार्टी के तेज तर्रार नेताओं में हमेशा गिना जायेगा।