Home देश मंत्रिमंडल विस्तार में चुनावी राज्यों और जातिगत समीकरणों का रखा गया ख्याल

मंत्रिमंडल विस्तार में चुनावी राज्यों और जातिगत समीकरणों का रखा गया ख्याल

नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल के पहले मंत्रिमंडल विस्तार में अनुभव और नए चेहरों के बीच संतुलन बनाने के साथ अगले वर्ष होने वाले चुनावी राज्यों को पूरी तरजीह दी है। मंत्रीपद की शपथ लेने वालों में सबसे ज्यादा सांसद उत्तर प्रदेश से हैं।

अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले मोदी मंत्रिमंडल में उत्तर प्रदेश से सात नए चेहरे शामिल किये गये हैं। जबकि, शहरी विकास एवं नागरिक उड्डयन राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी को पदोन्नति देकर कैबिनेट में शामिल किया गया है। पुरी राज्यसभा में उत्तर प्रदेश का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं।

राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित शपथ ग्रहण कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश से शामिल नए राज्यमंत्रियों के चयन में जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों का पूरा ख्याल रखा गया है। आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ब्राह्मण चेहरे के तौर पर खीरी लोकसभा सीट से सांसद अजय कुमार मिश्र को राज्यमंत्री बनाया गया है। जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश के महाराजगंज सीट से सांसद पंकज चौधरी का नाम पूर्वांचल के कुर्मी जाति के कद्दावर नेताओं में शुमार है। चौधरी को भी राज्यमंत्री बनाया गया है।

वहीं, आगरा से सांसद डॉ एसपी सिंह बघेल के जरिए अनुसूचित जाति के मतदाताओं पर डोरे डालने की कवायद की गई है। जबकि उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड इलाके की जालौन सीट से पांचवी बार सांसद चुने गये भानु प्रताप सिंह वर्मा को भी मोदी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। भानु प्रताप कोरी समाज से ताल्लुक रखते हैं और इनकी अपनी बिरादरी में अच्छी पकड़ है।

उधर, मोहनलालगंज (सु.) लोकसभा सीट से सांसद कौशल किशोर भी अनुसूचित जाति से ताल्लुक रखते हैं। जबकि, उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सांसद बीएल वर्मा को भी राज्यमंत्री बनाया गया है। वर्मा पश्चिमी उत्तर प्रदेश के ब्रज क्षेत्र से आते हैं और वे पूर्व मुख्यमंत्री कल्याण सिंह के करीबी हैं। उनके जरिए शाक्य बिरादरी की भागीदारी सुनिश्चित करने की कोशिश की गई है।

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के सहयोगी अपना दल (एस) की अध्यक्ष अनुप्रिया पटेल को भी मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। उनके जरिए कुर्मी मतों को साधने के साथ ही सहयोगियों को साथ लेकर चलने की भावना को दर्शाने का प्रयास किया गया है।

उधर, उत्तराखंड के आगामी विधानसभा चुनाव के मद्देनजर नैनीताल-उधम सिंह नगर से लोकसभा सांसद अजय भट्ट को मोदी मंत्रिमंडल में शामिल किया गया है। सूबे में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की ताजपोशी के बाद राज्य के ब्राह्मण मतदाताओं की केंद्र में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए भट्ट को राज्यमंत्री बनाया गया है। सूबे की राजनीति को जानने वाले बताते हैं कि ऐसा कर उत्तराखंड में मैदानी और पहाड़ी क्षेत्र के बीच संतुलन को साधने की कोशिश की गई है। उल्लेखनीय है कि उत्तराखंड में उत्तर प्रदेश के साथ ही चुनाव होने हैं।

वहीं गुजरात में वर्ष 2022 के आखिर में होने वाले विधानसभा चुनावों के मद्देनजर राज्यसभा सांसद व राज्यमंत्री परषोत्तम रुपाला को पदोन्नति देकर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। भावनगर लोकसभा सीट से सांसद व केंद्रीय राज्यमंत्री मनसुख मांडविया को भी पदोन्नति मिली है। जबकि,सुरत से लोकसभा सांसद दर्शना विक्रम जारदोश और खेड़ा संसदीय क्षेत्र से सांसद देवु सिंह चौहान को राज्यमंत्री बनाया गया है।

पूर्वोत्तर में मणिपुर से सांसद डॉ राजीव रंजन सिंह को भी केंद्रीय मंत्रिमंडल में जगह दी गई है। यहां अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। वहीं हिमाचल प्रदेश की राजनीति को साधने के लिए वित्त राज्य मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर को पदोन्नति देकर कैबिनेट मंत्री बनाया गया है। यहां 2022 के अंत में विधानसभा के चुनाव होने हैं। गोवा से किसी को मंत्री नहीं बनाया गया है। यहां भी वर्ष 2022 की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं। मंत्रिमंडल के विस्तार में पंजाब का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।

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