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प्राण शक्ति को विकसित कर हम दे सकते हैं कोरोना जैसी घातक बीमारी को मात

प्रयागराजः असाध्य बीमारियों में एक बहुत बड़ी बीमारी कोरोना का नाम भी जुड़ गया है, जो भविष्य में हमेशा डराता रहेगा। यह वायरस किसी जीव से उत्पन्न होता तो ठंड या गर्म प्रकृति का होता। लेकिन वायरस दोनों जगहों पर समान रूप से सक्रिय है। इसका अर्थ है कि इस वायरस की उत्पत्ति मनुष्य को ज्यादा से ज्यादा नुकसान पहुंचाने के उद्देश्य से किया गया है।

यह बातें एसकेआर योग एवं रेकी शोध प्रशिक्षण और प्राकृतिक संस्थान में जाने-माने रेकी ग्रैंड मास्टर सतीश राय ने कही। उन्होंने कहा कि ज्यों ही हमारे मस्तिष्क में डर उत्पन्न होता है हमारा शरीर उसे ग्रहण कर उसी के अनुरूप कार्य करने लगता है। इससे हमारे शरीर की इम्युनिटी तेजी से घटने लगती है और हमारा शरीर उस अनजान दुश्मन का मुकाबला नहीं कर पाता। उन्होंने कहा कि अपनी प्राण शक्ति को विकसित कर हम सुरक्षित रह सकते हैं। हमारा शरीर लाइफ फोर्स एनर्जी पर ही जीवित है। एनर्जी जिसे हम देख नहीं सकते लेकिन यूज करते हैं। जैसे बिजली देख नहीं सकते लेकिन यूज करते हैं। वाई फाई देख नहीं सकते लेकिन राउटर के माध्यम से यूज करते हैं। सोलर एनर्जी यूज करते हैं लेकिन देख नहीं सकते। उन्होंने एनर्जी के बारे में कहा कि दिन भर हमारे मन में हजारों विचार आते रहते हैं और जितनी बार विचार आते हैं हमारे शरीर में एक स्पंदन होता है। जो हमारे चारों ओर एक फील्ड बना देता है, जिसे हम औरा कहते हैं। औरा हमारा सूक्ष्म शरीर है जो उल्टे अंडे के आकार में हमें हमेशा अपने घेरे में रखता है। इसे हम शरीर की सुरक्षा कवच भी कहते हैं। यह तीन भागों में बटा है। यह सुरक्षा कवच बाहरी बीमारियों को शरीर में आने से रोकता है। हमारा सुरक्षा कवच जितना मजबूत होगा हम उतना ही स्वस्थ रहेंगे। इसके लिए शुद्ध भावना रखें, पॉजिटिव माइंड, प्राणायाम, प्रार्थना, अच्छा खानपान रखें।

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सतीश राय ने कहा कि हवा में प्रदूषण के कारण ऑक्सीजन की मात्रा कम है। जिससे फेफड़े सही ढंग से कार्य नहीं करते। ऑक्सीजन लेवल ठीक रखें, जहां पेड़ पौधे हो वहां ज्यादा समय व्यतीत करें। शरीर में ऑक्सीजन पहुंचाने और शरीर से कार्बन डाइऑक्साइड निकालने के लिए हमारे फेफड़ों को हाइड्रेशन की जरूरत पड़ती है, इसलिए शुद्ध पानी पिए। ब्रीथिंग एक्सरसाइज, धीरे-धीरे गहरी लंबी सांस लें रोके छोड़ें यह क्रिया रोज करें। जितना ज्यादा हम ऑक्सीजन लेंगे हमारा शरीर की कोशिकाएं उतनी ज्यादा ताकतवर बनेगी। सर्दी, जुखाम, खांसी ज्यादा है, फेफड़े कफ से भरे हों तो आयुर्वेदिक उपचार कर सकते हैं। सुबह सीधे लेट जाएं और अपने दोनों नाक में तीन तीन बूंद नींबू का रस डालिए। थोड़ा सा लगेगा लेकिन काफी रिलीफ मिलेगा।

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