Buxar Train Accident: अचनाक लगा एक झटका और मच गई चीख-पुकार, कांपते यात्रियों की मदद को दौड़ पड़े ग्रामीण

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Buxar Train Accident: रात धीरे-धीरे गहराती जा रही थी और आनंद विहार टर्मिनल से रवाना हुई नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस तेज गति से अपनी मंजिल की ओर बढ़ रही थी। कुछ यात्री खाना खाने के बाद चादर के नीचे सो रहे थे तो कुछ सोने की तैयारी कर रहे थे। इसी बीच अचानक जोरदार झटका लगा और फिर चीख-पुकार के साथ अफरा-तफरी मच गई। लोगों को कुछ समझ नहीं आ रहा था। तभी पता चला कि ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त हो गयी है।

यह हादसा बक्सर जिले के रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के पास बीती रात 9:35 बजे के करीब तब हुआ जब आनंद विहार से असम के कामख्या तक जाने वाली नार्थ ईस्ट एक्सप्रेस (गाड़ी संख्या 2506) के कई डिब्बे पटरी उतर गए। इस हादसे में अब तक 5 लोगों की मौत की पुष्टि हुई है। जबकि 100 से अधिक यात्री घायल हुए हैं।

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ग्रामीण बने यात्रियों के मददगार

दानापुर की रहने वाली अंजू बुधवार रात नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस से यात्रा कर रही थीं और जब उनसे उस दृश्य के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कुछ ऐसा ही बयान दिया। अंजू बताती हैं कि लोग मदद की उम्मीद में इधर-उधर देख रहे थे तभी तेज आवाज सुनकर बड़ी संख्या में ग्रामीण पहुंचे और मददगार बने। उस समय ये गांव वाले उन यात्रियों के लिए देवदूत से कम नहीं थे। स्थानीय दुकानें बंद थीं, सभी लोग बाजार से घर जा चुके थे, लेकिन Whatsapp ग्रुप पर मैसेज बढ़ते रहे और लोग मौके पर पहुंचते रहे।

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स्थानीय बाजार के युवा व सामाजिक कार्यकर्ता यात्रियों की मदद में जुट गये। जिस जगह पर यह हादसा हुआ वहां पर रघुनाथपुर बाजार स्थित है। यहां के लोगों ने जब हादसे के बारे में सुना तो वे तुरंत मौके पर पहुंच गए। कुछ लोगों ने क्षेत्र के अन्य गांवों से भी मदद ली और अपने वाहनों से घायलों को अस्पताल ले जाना शुरू कर दिया। गांव वाले हर मदद करना चाहते थे। संसाधन उपलब्ध नहीं होने पर हमने जुगाड़ से लोगों की मदद करना शुरू किया। हादसा की जानकारी होते ही आस-पास के कई गांवों के लोग वहां पहुंच गए।

खिड़की के शीशे तोड़कर निकाले गए यात्री

तुरंत पहुंचने वाले लोगों में रोहिल छपरा गांव निवासी सामाजिक कार्यकर्ता आनंद कुमार भी शामिल थे। वह कहते हैं, घुप्प अंधेरे में कुछ भी नजर नहीं आ रहा था। इसके बाद मोटरसाइकिल की लाइट की मदद से खिड़की के शीशे तोड़े गए और लोगों को निकालने का काम शुरू हुआ। उनका कहना है कि इसके बाद पुलिस और जिला प्रशासन की टीम भी पहुंची।

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रघुनाथपुर के विशाल सिंह कहते हैं कि जिन यात्रियों को बोगी से बाहर निकाला जा रहा था उन्हें भी एकाएक विश्वास नहीं हुआ कि वे जीवित हैं। महिला यात्रियों के बाहर आने के बाद भी उनके पैर कांप रहे थे। उनका कहना है कि इसके बाद गांव में रोशनी के लिए जेनरेटर की व्यवस्था की गई। बच्चों के लिए दूध उपलब्ध कराया गया। इस हादसे में बचे लोग भगवान को याद कर रहे थे और उनका शुक्रिया अदा कर रहे थे।

गांव वालों ने पेश की इंसानियत की मिसाल

बक्सर के रघुनाथपुर रेलवे स्टेशन के पास नॉर्थ ईस्ट एक्सप्रेस हादसे में पांच लोगों की मौत हो गई, जबकि 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए। इस हादसे में 23 डिब्बे पटरी से उतर गए हैं। लेकिन हादसे के बाद जिस तरह का मंजर देखा गया और जब लोग डरे हुए थे, उस स्थिति में गांव वालों ने पहुंचकर जिस तरह से मदद की, उसने इंसानियत की मिसाल कायम की।

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