कारोबारी सप्ताह के दौरान अडाणी ग्रुप के शेयरों की जोरदार रिकवरी, 43 प्रतिशत से ज्यादा उछला

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Gautam Adani

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नई दिल्ली: पिछला कारोबारी हफ्ता अदानी ग्रुप की कंपनियों के लिए संजीवनी लेकर आया। महज तीन कारोबारी सत्रों में अडाणी समूह की 10 कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 1।42 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया। पिछले कारोबारी सप्ताह के दौरान समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में 43 फीसदी से ज्यादा की उछाल आई। इसी तरह समूह की अन्य कंपनियों के शेयरों में भी तेजी आई, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी की चाल पर भी सकारात्मक असर पड़ा।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद घरेलू शेयर बाजार में अग्रणी स्थान हासिल कर चुके अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भूकंप जैसी स्थिति आ गई थी। अदाणी समूह की कंपनियों में पैसा लगाने वाले निवेशकों को इसके बाद भारी नुकसान हुआ। इतना ही नहीं, समूह की कंपनियों के शेयर भाव में भारी गिरावट से बाजार में नकारात्मक धारणा का दबाव भी बढ़ा, जिससे कारोबारियों में निराशा का माहौल देखा गया। इस दौरान घरेलू शेयर बाजार में भी जोरदार गिरावट दर्ज की गई।

अमेरिकी शोध कंपनी हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट में, अदानी समूह पर समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए अडानी प्रबंधन की ओर से अनुचित साधनों का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था। रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के अकाउंटिंग में भी धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे। इस रिपोर्ट से घरेलू शेयर बाजार में तो आग लग ही गई, देश में राजनीतिक सरगर्मी भी काफी बढ़ गई।

पिछला कारोबारी हफ्ता अदानी ग्रुप की कंपनियों के लिए संजीवनी लेकर आया। महज तीन कारोबारी सत्रों में अडाणी समूह की 10 कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 1।42 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया। पिछले कारोबारी सप्ताह के दौरान समूह की प्रमुख कंपनी अडानी एंटरप्राइजेज के शेयरों में 43 फीसदी से ज्यादा की उछाल आई। इसी तरह समूह की अन्य कंपनियों के शेयरों में भी तेजी आई, जिससे सेंसेक्स और निफ्टी की चाल पर भी सकारात्मक असर पड़ा।

हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद घरेलू शेयर बाजार में अग्रणी स्थान हासिल कर चुके अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भूकंप जैसी स्थिति आ गई थी। अदाणी समूह की कंपनियों में पैसा लगाने वाले निवेशकों को इसके बाद भारी नुकसान हुआ। इतना ही नहीं, समूह की कंपनियों के शेयर भाव में भारी गिरावट से बाजार में नकारात्मक धारणा का दबाव भी बढ़ा, जिससे कारोबारियों में निराशा का माहौल देखा गया। इस दौरान घरेलू शेयर बाजार में भी जोरदार गिरावट दर्ज की गई।

अमेरिकी शोध कंपनी हिंडनबर्ग की एक रिपोर्ट में, अदानी समूह पर समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमत बढ़ाने के लिए अडानी प्रबंधन की ओर से अनुचित साधनों का उपयोग करने का आरोप लगाया गया था। रिपोर्ट में अडानी ग्रुप के अकाउंटिंग में भी धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए थे। इस रिपोर्ट से घरेलू शेयर बाजार में तो आग लग ही गई, देश में राजनीतिक सरगर्मी भी काफी बढ़ गई।

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