Budget 2024, Halwa Ceremony: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज नरेंद्र मोदी 3.0 सरकार का पहला और अपना 7 आम बजट (Budget 2024-2025) पेश करेंगी। यह बजट देश के आर्थिक कैलेंडर के हिसाब से काफी अहम है। क्योंकि यह बजट देश में सरकार की वित्तीय योजनाओं और नीतियों की रूपरेखा तय करेगा। हालांकि केंद्रीय बजट पेश होने से पहले हर बार एक पारंपरिक ‘हलवा सेरेमनी’ (Halwa Ceremony) का आयोजन किया जाता है। जो पिछले संपन्न हो चुकी। दरअसल यह रस्म बजट तैयार करने के अंतिम चरण में निभाई जाती है।
बता दें कि हलवा सेरेमनी एक तरह की समारोह है जो हर साल बजट पेश होने से पहले पेश की जाती है। इस सेरेमनी में हलवा तैयार किया जाता है और इसे बजट बनाने में शामिल वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को परोसा जाता है। यह सेरेमनी दिल्ली के नॉर्थ ब्लॉक के ‘बेसमेंट’ में आयोजित की जाती है क्योंकि यहीं पर वित्त मंत्रालय का दफ्तर है। इसमें वित्त मंत्री के साथ अन्य उच्च अधिकारी हिस्सा लेते हैं। ‘हलवा’ सेरेमनी केंद्र सरकार के बजट की तैयारी में शामिल वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और कर्मचारियों को ‘अलग रखने’ की एक प्रक्रिया है जो उन्हें बाहरी दुनिया से पूरी तरह अलग-थलग कर दिया जाता है।
Budget 2024: हलवा सेरेमनी क्यों मनाई जाती है?
दरअसल एक कहावत है-कोई भी शुभ काम करने से पहले कुछ मीठा खाना चाहिए। ताकि काम अच्छे से पूरा हो। जैसा कि इसके नाम से पता चलता है, हलवा सेरेमनी के दौरान पारंपरिक रूप से बड़ी सी कढ़ाई में हलवा तैयार किया जाता है। इस दौरान वित्त मंत्री खुद अपने हाथों से सभी अधिकारियों को वह हलवा परोसते हैं। यह समारोह बजट दस्तावेजों की छपाई शुरू होने से पहले होता है। हलवा सेरेमनी का आयोजन आम बजट पेश होने से कुछ दिन पहले किया जाता है। यह समारोह बजट के ‘लॉक-इन’ काल की शुरुआत का प्रतीक है।
बता दें कि पिछले दो केंद्रीय बजटों की तरह इस बार पेश होने वाला अंतरिम बजट भी पेपरलेस पेश किया जा सकता है। फिर भी ‘लॉक-इन’ रहेगा और ‘लॉक-इन’ कर्मचारी बजट पेश होने के बाद ही बाहर आएंगे। इस समारोह की अध्यक्षता खुद वित्त मंत्री करते हैं और उनके साथ उनके विभाग के सहयोगी मंत्री और वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी भी होते हैं।
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बजट पेश होने तक बाहर नहीं आते है अधिकारी
गौरतलब है कि हलवा सेरेमनी (Halwa Ceremony) को वित्त मंत्रालय के सभी अधिकारियों की मेहनत को मान्यता देने का एक तरीका भी माना जाता है। जब हलवा सेरेमनी होती है तो माना जाता है कि अब बजट तैयार है और इसके बाद बजट की छपाई की प्रक्रिया शुरू होगी।
हलवा समारोह वित्त मंत्रालय के भीतर सख्त तालाबंदी की शुरुआत का भी प्रतीक है। समारोह समाप्त होने के बाद, बजट प्रक्रिया में शामिल किसी भी अधिकारी को तब तक मंत्रालय परिसर छोड़ने की अनुमति नहीं होती जब तक कि बजट संसद में पेश न हो जाए। यह परंपरा तब से सख्ती से निभाई जा रही है जब 1950 में तत्कालीन वित्त मंत्री जॉन मथाई ने बजट लीक होने के कारण इस्तीफा दे दिया था।