BSP Protest , लखनऊ: बाबा साहब को लेकर सियासत पूरी तरह गरमा गई है। डॉ. भीमराव अंबेडकर (B. R. Ambedkar) पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की टिप्पणी के खिलाफ बसपा और कांग्रेस देशभर में प्रदर्शन कर रही है। इसी कड़ी में बहुजन समाज पार्टी ( BSP) ने गृह मंत्री अमित शाह के हालिया बयान के खिलाफ मंगलवार को पूरे उत्तर प्रदेश में प्रदर्शन करने का फैसला किया है।
BSP का यूपी मे जोरदार विरोध प्रदर्शन
बसपा ने पार्टी प्रमुख मायावती के निर्देश पर यह फैसला लिया है। यह विरोध प्रदर्शन पार्टी के स्थानीय कार्यालयों, सड़कों और सार्वजनिक स्थानों पर आयोजित किया जाएगा। मायावती ने समाज से देशभर में जिला मुख्यालयों पर शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन को सफल बनाने की अपील की है। इस प्रदर्शन के दौरान पार्टी सरकार के खिलाफ नारेबाजी करेगी और अमित शाह के बयान की आलोचना करेगी।
प्रदर्शन को देखते हुए प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में भारी संख्या में पुलिस बल तैनात किया गया है और संवेदनशील स्थानों पर अतिरिक्त सुरक्षा उपाय किए गए हैं, ताकि किसी भी अप्रिय घटना से निपटा जा सके। इसके अलावा पुलिस ने प्रदर्शनकारियों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए भी विशेष इंतजाम किए हैं। पूरे शहर में यातायात व्यवस्था भी प्रभावित हो सकती है, इसलिए लोगों को समय रहते यातायात व सुरक्षा निर्देशों का पालन करने की चेतावनी दी गई है।
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BSP Protest: अंबेडकर के अपमान का आरोप
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के बयान पर बसपा प्रमुख मायावती ने कहा है कि संसद में अमित शाह द्वारा बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर के प्रति किए गए अनादर को लेकर देशभर में लोगों में काफी गुस्सा है। लेकिन, उनकी उपेक्षा और देशहित में उनके संघर्ष को हमेशा आहत करने वाली कांग्रेस पार्टी की अधीरता शुद्ध छलावा और स्वार्थी राजनीति है।
उन्होंने आगे कहा कि बाबा साहब के नाम पर उनके अनुयायियों की वोट की राजनीति करने वाली कांग्रेस और भाजपा आदि एक ही पंख के पक्षी हैं। सभी दल बाबा साहब के स्वाभिमान के कारवां को आगे बढ़ने से रोकने के लिए बसपा को चोट पहुंचाने की साजिश में लगे हुए हैं।
कांग्रेस ने अमित शाह पर लगाए ये आरोप
इस बीच, कांग्रेस नेता वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि शाह की टिप्पणी ने अंबेडकर का अपमान किया है और संवैधानिक मूल्यों को बनाए रखने वालों को गहरी ठेस पहुंचाई है। वेणुगोपाल ने कहा, ‘इसके बावजूद न तो शाह, न ही प्रधानमंत्री और न ही भाजपा ने खेद जताया है। इसके बजाय, उन्होंने भड़काऊ तरीके से अपने रुख का बचाव किया है और अंबेडकर की छवि को जॉर्ज सोरोस की छवि से बदल दिया है, जिससे अंबेडकर का और अपमान हुआ है।’