लखनऊः ठंड धीरे-धीरे बढ़ रही है। ऐसे में दिल और सांस के मरीजों के बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है। सरकारी अस्पताल व मेडिकल कॉलेज दिल व सांस के रोगियों के उपचार के पुख्ता इंतजाम करें। 24 घंटे इमरजेंसी में डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ मुस्तैद रहें। ड्यूटी में किसी भी तरह की लापरवाही बतरने वालों पर कठोर कार्रवाई होगी। ये निर्देश सोमवार को उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने सभी मेडिकल कॉलेज और सरकारी अस्पताल के अफसरों को यह निर्देश दिए। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ओपीडी व इमरजेंसी में सांस और दिल के रोगियों को बेहतर उपचार मुहैया कराया। सरकारी अस्पतालों में रोगियों की मुफ्त पैथोलॉजी व रेडियोलॉजी जाँच की सुविधा उपलब्ध कराई जाये। दवाये मुहैया कराई जायें। इमरजेंसी में पर्याप्त डॉक्टर-पैरामेडिकल स्टाफ की तैनाती की जाये।
ऑक्सीजन की पर्याप्त व्यवस्था करें
सांस के मरीजों को ऑक्सीजन की जरूरत अधिक पड़ती है। ऐसे में अस्पतालों में ऑक्सीजन की पुख्ता व्यवस्था रखें। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि जिन अस्पतालों में पाइप लाइन से ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है, वहां सिलेंडर की अतिरिक्त व्यवस्था की जाये। मरीजों को किसी भी दशा में असुविधा नहीं होनी चाहिए। लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट, ऑक्सीजन कंसन्ट्रेटर भी ठीक से काम करें। अधिकारी समय-समय पर उपकरणों को चलवा कर परख लें।
ये भी पढ़ें..ऑस्ट्रेलिया के पीएम अल्बनीस हुए कोरोना पाॅजिटिव, ट्वीट कर दी जानकारी
उप मुख्यमंत्री ने कहा कि गंभीर सांस के मरीजों को बाईपैप पर रखने की आवश्यकता पड़ती है। बड़े अस्पताल बाईपैप मशीन की व्यवस्था कर लें। ताकि सांस के मरीजों को समय पर बेहतर इलाज मुहैया कराई जा सके। खून में ऑक्सीजन की मात्रा का पता लगाने के लिए एबी जांच भी सुनिश्चित की जाये। उप मुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा कि ईसीजी व ईको जाँच भी सुनिश्चित करें। हार्ट अटैक का पता लगाने के लिए ट्रॉप्टी जांच भी तय सेंटरों में हो। 108 व 102 एम्बुलेंस सेवा भी अलर्ट मोड में काम करें।
(अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)