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नूंह हिंसा के बाद हरियाणा में मुस्लिम व्यापारियों का बहिष्कार ! 50 पंचायतों ने जारी किया फरमान

nuh violence Nuh Violence: एक कथित वीडियो में, नूंह के बृज मंडल जलाभिषेक यात्रा के बैनर लिए हिंदुओं के एक समूह को हरियाणा में दुकानदारों से मुसलमानों को काम पर न रखने और सामुदायिक विक्रेताओं का बहिष्कार करने का आग्रह करते देखा गया। हिंदू समूह ने यह चेतावनी हरियाणा के एक बाजार में एक रैली के दौरान दी। चौंकाने वाली बात यह है कि यह घोषणा पुलिस कर्मियों की मौजूदगी में की गई, जो वीडियो में समूह के सदस्यों के साथ चलते नजर आ रहे हैं। यह वीडियो हांसी के बाजार का बताया जा रहा है जिसमें हिंदू समाज के कुछ लोग पुलिस अधिकारियों की मौजूदगी में दुकानदारों को चेतावनी दे रहे हैं कि अगर किसी बाहरी मुस्लिम को काम पर रखा है तो उसे दो दिन में हटा दिया जाए। यदि ऐसा नहीं किया गया तो उन दुकानदारों का बहिष्कार किया जाएगा।

मुस्लिम व्यापारियों पर गांव में प्रवेश पर लगाया प्रतिबंध

वहीं, नूंह हिंसा के बाद महेंद्रगढ़, झज्जर और रेवाड़ी जिलों की 50 से ज्यादा ग्राम पंचायतों में एक पत्र जारी कर गांव में मुस्लिम व्यापारियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। इसके अलावा सरपंचों की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि गांवों में रहने वाले मुसलमानों को अपने पहचान पत्र से जुड़े दस्तावेज पुलिस के पास जमा कराने होंगे। बता दें कि जिन ग्राम पंचायतों ने मुस्लिम व्यापारियों के प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया है, उनमें से अधिकांश गांवों में अल्पसंख्यक समुदाय का कोई निवासी नहीं है। ये भी पढ़ें..World Tribal Day की KCR ने दी बधाई, बोले- आदिवासियों के विकास के लिए तेलंगाना रोल माॅडल post-img सरपंचों की ओर से जारी पत्र में कहा गया है कि हमारा इरादा किसी की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना नहीं है। महापंचायत में हिंदू संगठन समूहों के साथ-साथ सैकड़ों ग्रामीणों ने भाग लिया, जहां उन्होंने सार्वजनिक रूप से घोषणा की कि गुरुग्राम में बढ़ई, नाई, सब्जी विक्रेता, मैकेनिक और कैब ड्राइवरों के रूप में काम करने वाले सैकड़ों मुस्लिम पुरुषों का बहिष्कार किया जाना चाहिए और अपार्टमेंट या झोपड़ियों को किराए पर नहीं दिया जाना चाहिए।

हिंसा में जला सेक्टर 57

बता दें कि तिगरा गांव सेक्टर 57 में अंजुमन मस्जिद के करीब है, जिसे नूंह में एक मुस्लिम बहुल गांव से गुजर रहे हिंदू जुलूस पर हमले के तुरंत बाद शहर में निशाना बनाया गया था। गुरूग्राम में हिंसा के दौरान एक समुदाय के लोगों को निशाना बनाने के लिए गुरूग्राम के विभिन्न इलाकों में कई कबाड़ की दुकानों, फर्नीचर की दुकानों, झुग्गियों और मांस की दुकानों को निशाना बनाया गया। वहीं एसीपीने कहा, लोगों को किसी भी घटना से बचाने के लिए कई पुलिस टीमें तैनात की गई हैं। हम लोगों से किसी भी घटना के लिए तुरंत पुलिस को सूचित करने या 112 डायल करने का अपील कर रहे हैं। किसी को भी शहर में कानून-व्यवस्था बाधा उत्पन्न करने की अनुमति नहीं दी जाएगी। (अन्य खबरों के लिए हमें फेसबुक और ट्विटर पर फॉलो करें व हमारे यूट्यूब चैनल को भी सब्सक्राइब करें)