Lesa: उपभोक्ताओं पर भारी पड़ रहा सीमा विवाद, नहीं मिलते रिकॉर्ड

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Lesa: लेसा में हजारों उपभोक्ताओं को सीमा विवाद की समस्या का दंश झेलना पड़ रहा है। इन उपभोक्ताओं को सबसे अधिक दिक्कत तब झेलनी पड़ती है, जब किसी कारणवश बिजली गुल हो जाती है। उस दौरान उपभोक्ता बिजली गुल होने की शिकायत किस सबस्टेशन पर दर्ज कराए, यह बड़ी समस्या खड़ी हो जाती है।

इन हिस्सों में समस्या सबसे अधिक 

लेसा के चिनहट, अमराई गांव व चौक सब स्टेशन में यह समस्या सबसे अधिक है। यहां के करीब आठ हजार उपभोक्ता ऐसे हैं, जिनका बिजली कनेक्शन किसी और उपकेंद्र से है और उनकी बिलिंग किसी अन्य सबस्टेशन से होती है। ऐसे में फाल्ट से बिजली गुल होने पर शिकायत दर्ज कराने में उपभोक्ता परेशान हो जाते हैं। बिजली कनेक्शन और बिलिंग अलग-अलग सब स्टेशनों से होने से लेसा को भी नुकसान उठाना पड़ता है। लेसा हर माह डिवीजन स्तर पर लाइन लॉस का आंकड़ा निकालता है। इस प्रकार के मामले के चलते सही आंकड़ा भी नहीं निकल पाता है।

विद्युत विभाग के अफसरों की मानें तो चिनहट के शिवपुरी उपकेंद्र के करीब 38,000 उपभोक्ताओं को अमराई गांव सब स्टेशन से बिजली मिलती है। चिनहट डिवीजन के शिवपुरी उपकेंद्र के तकरोही, नौबस्ता फीडर को करीब डेढ वर्ष पूर्व अमराई सबस्टेशन से जोड़ दिया गया। जिसके बाद इन फीडरों का नाम बदल दिया गया, वहीं इन उपभोक्ताओं का रिकॉर्ड ट्रांसफर नहीं किया गया।

इसके चलते ये उपभोक्ता आज भी शिवपुरी उपकेंद्र के हैं। इसी प्रकार लेसा के हजारों उपभोक्ता बॉर्डर एरिया में हैं। इनमें चौक डिवीजन के मेडिकल कॉलेज उपकेंद्र के उपभोक्ता विक्टोरिया उपकेंद्र, हुसैनगंज उपकेंद्र के उपभोक्ता जीटीआई उपकेंद्र, अपट्रॉन उपकेंद्र के उपभोक्ता राजाजीपुरम उपकेंद्र और चौपटिया उपकेंद्र के कई उपभोक्ता विक्टोरिया उपकेंद्र में शामिल हैं।

मीटर रीडरों को एक लाख रुपए राजस्व वसूली का लक्ष्य

पावर कॉर्पोरेशन ने मीटर रीडरों को बिलिंग के साथ राजस्व वसूली का भी लक्ष्य दिया है। मीटर रीडरों के लिए हर माह एक लाख रुपए के राजस्व वसूली का लक्ष्य तय किया गया है। गत दिनों समीक्षा बैठक के दौरान कारपोरेशन के अध्यक्ष डॉ. आशीष कुमार गोयल ने इस सम्बंध में निर्देश दिए थे। जिसके क्रम में विद्युत वितरण निगम बिलिंग एजेंसियों को यह आदेश जारी कर रही हैं। जनवरी महीने में ही राजस्व वसूली शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।

बिलिंग एजेंसियों को जनवरी माह में राजस्व जमा करने का लक्ष्य दिया गया है। बिलिंग एजेंसियों को निर्देश दिए गए हैं कि राजस्व वसूली की नगद धनराशि सुपरवाइजर अथवा अन्य माध्यम से बैंक में जमा कराया जाए, ताकि मीटर रीडरों को नगद धनराशि जमा करने के लिए बैंक न जाना पड़े। मीटर रीडर प्रत्येक माह की 22 तारीख तक बिलिंग कार्य पूरा करेंगे। इसके बाद की 30 तारीख की अवधि में मीटर रीडर बिल कलेक्शन का कार्य करेंगे।

(रिपोर्ट-पंकज पाण्डेय, लखनऊ)

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