सीमा विवादः हरियाणा के दो जिलों में चलती है यूपी सरकार की हकूमत

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चंडीगढ़ः हरियाणा को अस्तित्व में आए 54 साल हो चुके हैं लेकिन अभी भी पलवल व नूंह जिलों की जनसुविधाओं पर उत्तर प्रदेश सरकार का नियंत्रण है। इसके चलते लोगों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा विधानसभा में पिछले दस साल यह मुद्दा लगातार उठ रहा है लेकिन हरियाणा व यूपी में अंतर्राज्यीय विवादों का हल नहीं हुआ है।

हरियाणा विधानसभा में बजट सत्र के दौरान गुरुवार को विधायक दीपक मंगला ने पलवल में सिंचाई वाले पानी के संकट तथा यमुना नदी पर बांध बनाने का मुद्दा उठाया। इसके जवाब में मुख्यमंत्री मनोहर लाल के माध्यम से कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि पलवल जिला में पानी सप्लाई देने वाले चैनलों का स्वामित्व आज भी उत्तर प्रदेश सरकार के पास है। यहां किसी प्रकार के डैम आदि का निर्माण करने, पुलों का मरम्मत आदि के लिए हर तरह का अनापत्ति प्रमाण पत्र उत्तर प्रदेश सरकार के पास से लेना पड़ता है। दलाल ने बताया कि इस संबंध में हरियाणा के संबंधित विभागीय अधिकारियों द्वारा उत्तर प्रदेश के अधिकारियों के साथ बातचीत की जा रही है।

होडल के विधायक जगदीप नैय्यर तथा नूंह के विधायक आफताब अहमद ने इस मुद्दे सरकार को घेरते हुए कहा कि पलवल ही नहीं नूंह जिला में भी पानी सप्लाई करने वाले चैनलों का कंट्रोल उत्तर प्रदेश के पास है। आफताब अहमद ने कहा कि पिछले छह साल में सरकार ने इस दिशा में कोई प्रयास नहीं किया।

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आज भी कई कार्यों के लिए इंटर स्टेट मंजूरी लेनी पड़ती है। आफताब अहमद ने कहा कि जब तक यह मुद्दा सरकार के स्तर पर नहीं उठेगा तब तक समस्या का समाधान नहीं होगा। कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि यह गंभीर मामला है। इसे बहुत जल्द सरकार के स्तर पर ही उत्तर प्रदेश सरकार के साथ उठाकर समाधान करवाने का प्रयास किया जाएगा।