नई दिल्ली: भाजपा और संघ नेताओं की दो दिवसीय बैठक के पहले दिन मंगलवार को शिक्षा से जुड़े अहम मसलों और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 पर विचार मंथन किया गया। दिल्ली में हुई इस बैठक में संघ की तरफ से वरिष्ठ पदाधिकारी सुरेश सोनी के अलावा शिक्षा क्षेत्र में कार्य कर रहे संघ परिवार से जुड़े विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि शामिल हुए। सूत्रों के मुताबिक, पहले दिन सरकार की तरफ से बैठक में शामिल हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेद्र प्रधान ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 और शिक्षा से जुड़े अहम मसलों पर सरकार की नीति और सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी।
कोरोना की वजह से उपजे हालात का असर शिक्षा जगत पर किस तरह से पड़ा और कितना पड़ा, इसे लेकर भी बैठक में व्यापक चर्चा की गई।
बता दें कि भारत में चल रही शिक्षा नीति और खासतौर से पाठ्यक्रमों को लेकर आरएसएस का हमेशा से अपना अलग ही मत रहा है। मंगलवार की बैठक में भी संघ नेताओं ने सरकार की शिक्षा नीति को लेकर केंद्रीय मंत्री से कई सवाल पूछे और साथ ही अपने-अपने सुझाव भी दिए।
दरअसल, 2014 में केंद्रीय सत्ता में आने के साथ ही भाजपा ने नई शिक्षा नीति लाने को लेकर प्रयास करना शुरू कर दिया था। हालांकि मोदी सरकार को इसे लाने के लिए अपने दूसरे कार्यकाल तक इंतजार करना पड़ा। लंबे समय तक चले विचार विमर्श के बाद सरकार 2020 में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति लेकर सामने आई। संघ चाहता है कि इस नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को तेजी से लागू किया जाए। मंगलवार की बैठक में इससे जुड़े तमाम पहलुओं पर चर्चा की गई।
बुधवार को बैठक के दूसरे और अंतिम दिन भी शिक्षा से जुड़े खास मुद्दों पर चर्चा की जाएगी, जिसमें संघ के विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि, केंद्रीय मंत्री और भाजपा के कई नेता शामिल होंगे।
आपको बता दें कि विभिन्न मुद्दों पर सरकार तक अपनी बात पहुंचाने के लिए संघ विशेष मुद्दों से जुड़े इस तरह की समन्वय बैठक बुलाता रहता है, जिसमें संघ के उन्हीं संगठनों के प्रतिनिधि शामिल होते हैं जो उस क्षेत्र विशेष में काम कर रहे होते हैं। इस तरह की बैठकों के जरिए संघ अपने विभिन्न संगठनों के फीडबैक और इच्छाओं को भाजपा संगठन के बड़े नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों के जरिए सरकार तक पहुंचाता रहता है।