बंगाल प्रशासन के लिए भी सिरदर्द बने यूपी-बिहार में गंगा में बहाए गए शव

93

कोलकाता: उत्तर प्रदेश और बिहार से गंगा में बहने वाले शव पश्चिम बंगाल सरकार के लिए भी सिर दर्द बन गए हैं। सरकार के निर्देश पर प्रशासन पहले से अलर्ट कर घाटों पर निगरानी रखने के आदेश दिए हैं।

उत्तर प्रदेश और बिहार के अधिकतर गंगा घाटों पर शवों के अंतिम संस्कार के बजाय परिजन उन्हें जल प्रवाह कर रहे हैं। यह शव कोरोना से मरने वालों के भी हो सकते है। गुरुवार को राज्य सचिवालय नाबन्न ने मालदा जिला प्रशासन को सतर्क रहने के निर्देश दिए हैं। प्रशासन ने गंगा किनारों पर चेकिंग शुरू कर दी है। मालदा के मानिकचक और पंचानंदपुर में गंगा में नावों पर नजर रखी जा रही है। राज्य सरकार का ने जिला प्रशासन को इलाके में नाव, जाल और बांस लेकर तैयार रहने के लिए कहा गया है।

मालदा जिले के सभी बीडीओ को यह निर्देश दिया गया है कि यदि शव आते हैं, तो उन्हें एक जगह रखा जाए, बाद में शवों का अंतिम संस्कार कराएं। मानिकचक घाट से फरक्का बैराज 22 किलोमीटर नीचे की तरफ है। प्रशासन का मानना है कि बह कर आने वाले शव फरक्का बैराज से होकर बांग्लादेश की तरफ न निकल जाएं। इसके लिए फरक्का बैराज प्रशासन को भी निगरानी के लिए कहा गया है। सरकार ने गंगा किनारे स्थित सभी थानों को भी कड़ी निगरानी रखने के लिए कहा है। फिलहाल नदी किनारे करीब 10 से 12 नाव के साथ निगरानी चल रही है।

यह भी पढ़ेंः-सीएम योगी ने अलीगढ़ में कोविड सेंटर की व्यवस्थाओं का लिया जायजा, बोले-हर व्यक्ति का जीवन अमूल्य

दरअसल, बंगाल में गंगा नदी की एंट्री पॉइंट मालदा जिले मानिकचक घाट है। यहां गंगा करीब एक किलोमीटर चौड़े क्षेत्र में फैली है। यूपी और बिहार से गंगा में बह कर आने वाले शवों को रोकने के लिए यहां निगरानी की जा रही है।