शाजापुर: बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं पर अत्याचार आम बात थी, लेकिन विधानसभा चुनावों के बाद टीएमसी के कार्यकर्ताओं द्वारा बदले की भावना से भाजपा कार्यकर्ताओं पर हमले और उनकी हत्याएं, घरों में आगजनी, महिलाओं के साथ दुराचार, दुकानों में चोरी ओर लूट का तांडव मचाया जा रहा है। इससे स्वस्थ लोकतंत्र के लिए खतरा उत्पन्न हो गया है। इसे देखते हुए हमारी मांग है कि टीएमसी की सरकार को तत्काल बर्खास्त कर बंगाल में राष्ट्रपति शासन लागू किया जाए। उक्त बातें पूर्व विधायक अरुण भीमावद ने बुधवार को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा तथा भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व्ही.डी. शर्मा द्वारा तय किए गए कार्यक्रम अनुसार जिला मुख्यालय पर आयोजित धरना प्रदर्शन को मुख्य अतिथि के रूप में संबोधित करते हुए कही।
धरने में उपस्थित पार्टी पदाधिकारी व कार्यकर्ताओं ने पश्चिम बंगाल में भाजपा कार्यकर्ताओं की हत्या, भाजपा कार्यालयों पर हमले एवं तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं द्वारा हिंसा फैलाने की कड़े शब्दों में निंदा करते हुए विरोध जताया। इस दौरान भाजपा जिला महामंत्री दिनेश शर्मा ने बताया कि जिलाध्यक्ष अम्बाराम कराड़ा के निर्देशानुसार जिले के समस्त 15 मंडलों के मंडल मुख्यालयों पर ममता बनर्जी एवं पश्चिम बंगाल सरकार के विरोध में सुबह 11 से दोपहर 1 बजे तक कोविड नियमों के अंतर्गत धरना कार्यक्रम आयोजित किए गए। जिला मुख्यालय पर आयोजित धरना प्रदर्शन में मुख्य रूप से धरने की अध्यक्षता कर रहे भाजपा नगर मंडल अध्यक्ष नवीन राठौर, भाजपा नेता प्रदीप चन्द्रवंशी, पं.संतोष जोशी, किरणसिंह ठाकुर, मनोहर विश्वकर्मा, शीतल भावसार, सी.पी.चावड़ा, आशीष नागर, विपुल कसेरा, गोपालसिंह राजपूत तथा विक्रम कुशवाह सहित अन्य पार्टी कार्यकर्तागण उपस्थित थे। अंत में मृत आत्माओं की शांति के लिए दो मिनिट का मौन रखकर श्रद्धांजलि अर्पित की गई।
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चुनाव प्रचार के दौरान भी झेलना पड़ा संघर्ष
धरना आंदोलन को संबोधित करते हुए पूर्व विधायक भीमावद ने कहा कि जब हम चुनाव प्रचार के लिए बंगाल के हावड़ा पहुंचे तो वहां हमसे पहले पूछा गया कि तुम कौन सी पार्टी के कार्यकर्ता हो। जब हमने कहा हम भाजपा के प्रचार के लिए आए हैं तो वहां का दृश्य वाकई चिंता पैदा करने वाला था। एक घर से तलवारें निकल कर बाहर आई, दूसरे घर से विस्फोटक निकाल के लोग ले आए ओर हमें साफतौर पर कहा गया कि यहां से चले जाओ नहीं तो तुम्हारी गाड़ी यहीं फोड़ दी जाएगी। ऐसे हालातों में भी भाजपा के उम्मीदवारों ने, कार्यकर्ताओं ने अपना हौसला दिखाकर चुनाव लड़ा जिसकी खीज ममता बनर्जी ओर टीएमसी कार्यकर्ता अब उन पर अत्याचार करके निकाल रहे हैं। उनकी सुरक्षा के लिए अब राष्ट्रपति शासन ही अंतिम विकल्प है।