Friday, October 11, 2024
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नई सीएम आतिशी के मुख्यमंत्री की कुर्सी खाली छोड़ने पर BJP तंज, कहा- ड्रामा और नौटंकी में नंबर वन

नई दिल्ली: दिल्ली की मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी (CM Atishi ) ने सोमवार को कार्यभार संभाल लिया। हालांकि सीएम की कुर्सी पर बैठते ही आतिशी सुर्खियों में आ गईं। दरअसल, उन्होंने उस कुर्सी को खाली रखा है जिस पर पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल बैठते थे। जिसके बाद इस पर राजनीति शुरू हो गई है। अपने बगल की कुर्सी खाली रखने को लेकर भाजपा ने आतिशी पर कटाक्ष किया है।

जानें किसने किया कहा-

भाजपा के वरिष्ठ नेता टॉम वडक्कन ने कहा, “लोकसभा चुनाव में आप का सफाया हो गया, लेकिन इससे कोई सबक नहीं सीखा गया। अभी उन्होंने कुर्सी खाली रखी है, हो सकता है बाद में वे उनकी चप्पल रख दें। जैसा रामायण में हुआ था। आतिशी ड्रामा और नौटंकी में नंबर वन हैं।”

इतना ही नहीं उन्होंने दिल्ली सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि दिल्ली की नई मुख्यमंत्री ऐसी ही चालें चलती रहेंगी क्योंकि उनकी अपनी कोई हैसियत नहीं है और वे अरविंद केजरीवाल के समर्थन से मुख्यमंत्री बनी हैं। वे कठपुतली सीएम हैं, वे केजरीवाल की कठपुतली हैं। इसमें कोई शक नहीं है कि रिमोट कंट्रोल केजरीवाल के हाथ में है। जब तक कोर्ट उन्हें दोषी नहीं ठहरा देता, यह ड्रामा चलता रहेगा।

वहीं बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर आतिशी की फोटो शेयर करते हुए लिखा, “दिल्ली में यह ड्रामा बंद होना चाहिए। आज आतिशी ने अपनी मुख्यमंत्री की कुर्सी के बगल में खाली कुर्सी रखकर कार्यभार संभाला।

ये भी पढ़ेंः- केजरीवाल की कुर्सी पर नहीं बैठी आतिशी, बोलीं- भरत की तरह चलाउंगी शासन

इसका मतलब है कि आतिशी दिल्ली सरकार की मनमोहन सिंह हैं और असली मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल हैं, जिन्हें सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सचिवालय जाने से रोक दिया है, फाइलों पर हस्ताक्षर करना तो दूर की बात है। यह बाबा साहेब के बनाए संविधान का मजाक है। सीएम के पद और गोपनीयता की शपथ मार्लेना ने ली है, न कि खाली कुर्सी पर केजरीवाल का भूत बैठा है।”

आतिशी ने कहा था भरत तरह चलाऊंगी शासन

इससे पहले एक्स पोस्ट पर सीएम पद संभालने के बाद आतिशी ने लिखा था, “आज मैंने दिल्ली के मुख्यमंत्री की जिम्मेदारी संभाली है। आज मेरे दिल में वही दर्द है जो भरत को तब हुआ था जब उनके बड़े भाई भगवान श्री राम 14 साल के वनवास पर गए थे और भरत जी को अयोध्या का राज संभालना पड़ा था। जैसे भरत ने भगवान श्री राम की चरण पादुकाएं रखकर 14 साल तक अयोध्या पर शासन किया था, वैसे ही मैंने 4 महीने तक दिल्ली का शासन संभाला है।

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