शिमलाः हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh) में गर्मी के मौसम में आग की बढ़ती घटनाओं को लेकर कांग्रेस की सुक्खू सरकार घिर गई है। भाजपा के नैना देवी विधायक रणधीर शर्मा ने शनिवार को कहा कि प्रदेश में लगातार अनगिनत आग की घटनाएं हो रही हैं लेकिन सरकार चुप है और ऐसा लगता है कि सरकार कुछ नहीं कर रही है। उन्होंने कहा कि आग की घटनाओं के दौरान धरातल पर काम करके स्थिति का जायजा लेना होता है और पीड़ितों को राहत पहुंचानी होती है। लेकिन प्रदेश में ऐसा कुछ देखने को नहीं मिला।
लगातार सामने आ रहे आग लगने के मामले
उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में ऐसी स्थिति देखने को मिली जहां 24 घंटे में जंगल में आग लगने के 62 मामले सामने आए हैं। आप अंदाजा लगा सकते हैं कि स्थिति कितनी गंभीर होगी। लेकिन सवाल यह है कि सरकार ने क्या किया? मुख्यमंत्री अपनी सरकार, सलाहकार अपनी कुर्सी और नेता अपनी छवि बचाने में व्यस्त रहे। उन्होंने कहा कि इन आग की घटनाओं में अब तक 744 हेक्टेयर से अधिक वन संपदा राख हो चुकी है। चालू वित्त वर्ष में अब तक जंगल में आग लगने की कुल 1,828 घटनाएं दर्ज की गई हैं। एक दिन में मंडी वन मंडल में आग के सबसे ज्यादा 21 मामले सामने आए हैं। इसके अलावा सोलन में सात, नाहन में सात, धर्मशाला में नौ, हमीरपुर में नौ, बिलासपुर में एक और वाइल्ड लाइफ में आग के पांच मामले सामने आए हैं।
सरकार से मांगा जवाब
रणधीर शर्मा ने कहा कि सोलन मंडल में सबसे ज्यादा 207 हेक्टेयर वन संपदा राख हुई है। इसके अलावा वाइल्ड लाइफ में 125 हेक्टेयर, मंडी में 148 हेक्टेयर, हमीरपुर में 138 हेक्टेयर, धर्मशाला में 92 हेक्टेयर, चंबा में 12 हेक्टेयर, बिलासपुर में दो हेक्टेयर और नाहन में 20 हेक्टेयर वन संपदा राख हुई है। वन विभाग के आंकड़ों के अनुसार एक अप्रैल से अब तक करीब 19 हजार हेक्टेयर जंगल आग की चपेट में आ चुके हैं।
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उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कितने सरकारी दफ्तर जल गए हैं। प्राथमिक स्कूलों तक आग पहुंच गई, आईपीएस सब डिवीजन, पीडब्ल्यूडी दफ्तर जलकर राख हो गए लेकिन सरकार ने क्या किया? यह गंभीर मसला है और सरकार को इस पर जवाब देना चाहिए।
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