जयपुरः BJP सांसद एवं पूर्व शिक्षा मंत्री घनश्याम तिवाड़ी ने सरकारी स्कूलों को लेकर कांग्रेस नेताओं द्वारा फैलाए जा रहे झूठ पर पलटवार करते हुए कहा कि शिक्षा में राजनीति की जरूरत नहीं है, बल्कि राजनीति में शिक्षा की जरूरत है। कांग्रेसियों को पढ़ने और सीखने की जरूरत है। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व के साथ-साथ प्रदेश के नेता भी मूर्खतापूर्ण और अज्ञानतापूर्ण बयान दे रहे हैं।
शिक्षा व्यवस्था में किए जा रहे सुधारः BJP सांसद
अब कांग्रेस नेता कह रहे हैं कि BJP सरकार ने स्कूल बंद कर दिए हैं, जबकि मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा सरकार ने एक भी स्कूल बंद नहीं किया है। BJP सरकार ने शून्य नामांकन वाले स्कूलों को नजदीकी स्कूलों में मर्ज करने का ऐतिहासिक काम किया है। सरकार के इस फैसले से शून्य नामांकन वाले स्कूलों को मर्ज करने के बाद जरूरत के हिसाब से दूसरे स्कूलों में शिक्षकों की तैनाती की जा सकेगी, इससे शिक्षा व्यवस्था में भी सुधार आएगा। BJP सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि कांग्रेस ने सिर्फ प्रचार के लिए महात्मा गांधी अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलकर औपचारिकता निभाई, जबकि अंग्रेजी पढ़ाने वाले एक भी शिक्षक की भर्ती नहीं की गई, बल्कि सरकारी स्कूलों के नाम ही बदल दिए गए। ऐसे स्कूलों की समीक्षा जरूरी थी। कांग्रेस नेता द्वारा आरएसएस के आदर्श विद्यालयों को बढ़ावा देने का बयान मजाक उड़ाने वाला है, क्योंकि ये मर्ज किए गए विद्यालय गांवों और कस्बों में हैं, वहां आरएसएस या विद्या भारती का कोई आदर्श विद्यालय संचालित नहीं है। इसलिए ऐसा बयान मूर्खतापूर्ण है।
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बार-बार RSS का नाम लेना कांग्रेस का पागलपन
BJP सांसद घनश्याम तिवाड़ी ने कहा कि कांग्रेस नेताओं द्वारा बार-बार आरएसएस कहना एक प्रकार का पागलपन है, जो कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व और राजस्थान के नेताओं को भी अपने आगोश में ले चुका है। ऐसे में मेरा कांग्रेस नेताओं से आग्रह है कि वे शिक्षा में राजनीति करने के बजाय राजनीति में शिक्षा को बढ़ावा दें। कांग्रेस नेताओं को पढ़ने और सीखने की आदत डालनी चाहिए। उन्हें बेबुनियाद बयानबाजी से बचना चाहिए। BJP सरकार ने शिक्षा में सांस्कृतिक और राष्ट्रीय मूल्यों को प्रतिस्थापित करने का काम किया है। कांग्रेस अपनी संस्कृति के कारण इसे बर्दाश्त नहीं कर पा रही है। कांग्रेस नेताओं के अनुसार उनकी संस्कृति भारतीय राज्य के खिलाफ लड़ने की है। कांग्रेस की यह अवधारणा भारतीय राष्ट्र की चेतना और भारतीय राष्ट्र की एकता के खिलाफ है।
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