वाराणसीः जिले के सिगरा थाना क्षेत्र के जयप्रकाश नगर माधोपुर में भाजपा नेता पशुपतिनाथ सिंह (73) की हत्या से क्षेत्रीय लोगों में नाराजगी है। भाजपा नेता के आवास पर गुरुवार सुबह से ही भाजपा नेताओं का जमावड़ा लगा रहा। इस मामले में पुलिस कमिश्नर ए. सतीश गणेश ने देर रात घटना स्थल का जायजा लेने के बाद नौ पुलिस कर्मियों को निलम्बित कर दिया। सीपी के निर्देश पर सीसीटीवी कैमरे में कैद बदमाशों की निशानदेही के बाद उनकी गिरफ्तारी के लिए पांच टीमें लगाई गई हैं। रात में ही कुछ संदिग्धों को पुलिस हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है।
जयप्रकाश नगर माधोपुर में भाजपा नेता पशुपतिनाथ सिंह का मकान है। मकान के बगल में ही उनकी दुकान में देसी शराब और बीयर का ठेका है। बुधवार रात आधा दर्जन युवक बीयर लेकर शराब के ठेके में बैठकर पी रहे थे। शराब ठेके में कुछ खाने की चीजों को लेकर सेल्समैन से युवकों की मारपीट हो गई। कैंटीन संचालक गाजीपुर निवासी यादवेंद्र यादव ने इसकी सूचना पशुपतिनाथ को दी। इस पर पशुपतिनाथ और उनका बेटा राजन मौके पर पहुंचे और शराब ठेके से युवकों को बाहर निकालने लगे। इससे नाराज युवकों ने राजन से मारपीट शुरू कर दी। राजन को धमकाते हुए अपने और साथियों को भी बुला लिया। सभी मिलकर राजन सिंह को मारने लगे। यह देख पशुपतिनाथ सिंह बेटे को छुड़ाने के लिए वहां पहुंचे तो हमलावरों ने अचानक ईट पत्थर से उन पर हमला कर दिया। भाजपा नेता की मौके पर ही मौत हो गई। तब तक आसपास के लोग भी जुट गये। यह देख बदमाश वहां से भाग निकले।
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सूचना पर क्षेत्रीय पुलिस देर से वहां पहुंची। मृत भाजपा नेता और उनके पुत्र को गंभीर अवस्था में परिजनों ने बीएचयू ट्रामा सेंटर में पहुंचाया। सूचना पर अस्पताल में पुलिस कमिश्नर, कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव, भाजपा महानगर अध्यक्ष विद्वयासागर राय और अन्य नेता भी पहुंच गये। पुलिस कमिश्नर ने अस्पताल में परिजनों से पूछताछ के बाद घटना स्थल पर भी जाकर पुलिस अफसरों के साथ छानबीन और पूछताछ किया। घटनास्थल के आसपास की दुकानों में लगे सीसीटीवी फुटेज से बदमाशों की पहचान होने के बाद पुलिस कमिश्नर ने बदमाशों के गिरफ्तारी के लिए टीम गठित करने का निर्देश दिया। पुलिस की पांच अलग-अलग टीमों ने भोर में छापेमारी कर पांच आरोपितों को गिरफ्तार किया है। इस मामले में 17 नामजद लोगों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। इस मामले में लापरवाही बरतने वाले सिगरा नगर निगम चौकी इंचार्ज नीरज ओझा, दरोगा ललित कुमार पांडेय, हेड कांस्टेबल देवी यादव, अनूप राय व मोहन कुमार और कांस्टेबल राम अवतार, नितिन, सुधांशु व दिनेश को निलम्बित कर दिया गया है। क्षेत्रीय लोगों का आरोप था कि यहां शराब ठेका होने से अराजक तत्वों का जमावड़ा दिनभर लगा रहता है। पुलिस से शिकायत करने पर भी कोई कार्रवाई नहीं होती। लोगों ने बताया कि पशुपति नाथ सिंह शुरू से भाजपा के कार्यकर्ता थे। कैंट विधायक सौरभ श्रीवास्तव के करीबी भी रहे। वर्ष 2012 में पशुपतिनाथ सिंह ने शिवपुरवा वार्ड से पार्षद का चुनाव लड़ा था। वह चुनाव हार गए थे।
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