लखनऊः उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में इस बार भारतीय जनता पार्टी को मुस्लिम वोट मिलने की आशा है। भाजपा ने मुस्लिम महिलाओं को भी प्रभावित करने की पूरी कोशिश की है। तीन तलाक के खिलाफ कानून को लेकर यह बताने की कोशिश की गई कि इस सरकार ने मुस्लिम महिलाओं को न्याय दिलाया है। ऐसे में वह इस वर्ग की महिलाओं का वोट अपने पक्ष में आने की उम्मीद लगा रखी है। हालांकि भाजपा ने हर बार की तरह इस बार भी एक भी मुस्लिम को प्रत्याशी नहीं बनाया है। लेकिन रामपुर की स्वार सीट से जरूर भाजपा के सहयोगी पार्टी अपना दल ने आजम खान के लड़के के खिलाफ एक प्रत्याशी उतारा है। उधर विपक्षी दलों ने भरपूर टिकट मुस्लिम प्रत्याशियों को दिए। चाहे सपा हो, बसपा या फिर कांग्रेस सबने इन्हें टिकट दिया। इनके वोट बैंक पर खासा नजर भी गड़ाए हुए है। लेकिन भाजपा को लगता है उसकी योजनाएं मुस्लिम समाज के लिए कारगर हथियार साबित होंगी। इसलिए वह इस वोट को पाने की संभावना जता रहा है।
इसी कारण जहां पर मुस्लिम वोट निर्णायक थे वहां पर पार्टी के वर्करों ने खूब दम लगाया था। यहां तक कि भाजपा के स्टार प्रचारक प्रधानमंत्री मोदी ने भी एक रैली में कहा कि मुस्लिम बहन बेटियां, हमारी साफ नियत को भली भांति जानती हैं। मोदी ने कहा, वोट के ठेकेदारों को लगा कि हमारी ही बेटी मोदी-मोदी करने लगी। उनके पेट में दर्द होने लगा। मोदी की तारीफ में मुस्लिम बहनों के बयान देखकर इन्हें लगा कि इन बेटियों को रोकना होगा। ये मोदी की तरफ चली जाएगी तो घर में ही उनका राज आ जाएगा तो इसलिए मुस्लिम बहन बेटियों का हक रोकने के लिए नए नए तरीके खोजे जा रहे हैं। हालांकि उनका यह बयान कितना असरकारी होगा, यह तो आने वाला समय बताएगा। वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक, प्रदेश की आबादी में मुसलमानों की तादाद 3 करोड़ 84 लाख 83 हजार 967 यानी लगभग 19.26 फीसदी है। अगर समूह के तौर पर देखें तो ये बड़ी आबादी है। कहीं कम, कहीं ज्यादा, यह पूरे प्रदेश में हैं। हालांकि, इनकी आबादी का बड़ा हिस्सा पश्चिमी और पूर्वी उत्तर प्रदेश, रूहेलखंड, तराई और अवध क्षेत्र में रहता है। ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल लॉ बोर्ड की अध्यक्ष शाइस्ता अम्बर का कहना है कि लोकतंत्र का सबसे बड़ा पर्व मतदान है। इसमें तो सबको हिस्सा लेना चाहिए। रही बात चुनने की तो देश को आगे ले जाने और रोजगार देने की बात करता है। उसे ही चयन करना चाहिए। वर्तमान की सरकार कुछ योजनाएं जिनका लाभ बहुत लोगों को मिला है। शौचालय, राशन कार्ड, आवास जैसी कई योजनाएं हैं। लेकिन कुछ लोगों को बयान बहुत खराब रहे हैं। इसमें सुधार की जरूरत है। हम शांति और रोजगार के लिए वोट करेंगे। कानपुर की रहने वाली नूरबानो का कहना है कि हम वोट जरूर देंगे लेकिन किसे देंगे यह बताना जरूरी नहीं है।
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सरकार ने बहुत कुछ अच्छा किया है। सबसे बड़ा तीन तलाक को लेकर किया है। वहीं सबसे ज्यादा राशन की व्यवस्था की है। इससे बढ़कर किसी से क्या उम्मींद लगायी जाए। बस एक बार बच्चों को रोजगार मिल जाए तो तस्वीर ठीक रहेगी। भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश महामंत्री दानिश आजाद का कहना है कि भाजपा सरकार जाति मजहब देखकर योजनाओं का लाभ नहीं देती है। लेकिन फिर अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को हर योजना का लाभ मिल रहा है। उसमें मुस्लिम भी शामिल है। हमारी बहनों को तीन तलाक जैसी कुप्रथा से मुक्ति मिली है। सबको शौचालय, आवास मिल रहे हैं। निश्चित तौर यह सब लोग ऐसी ही सरकार को चुनेंगे जो इनके हित की चीजें करें। इस बार मुस्लिम वर्ग भी भाजपा के पक्ष में वोट करेगा और सरकार भी बनवाएगा।
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