लखनऊः समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव एक बार फिर भाजपा सरकार पर हमलावर नजर आए। उन्होंने करारा प्रहार करते हुए कहा कि भाजपा सरकार को विकास में तनिक भी रुचि नहीं है। वह केवल नफरत फैलाने और समाज को बांटने में ही माहिर है। जनता की तकलीफों के प्रति उसमें जरा भी संवेदना नहीं है। भाजपा सरकार ने सामाजिक सद्भावना को बर्बाद करने का काम किया है। 2024 के लोकसभा चुनाव में जनता ने भाजपा का सफाया करने का निश्चय कर लिया है।
उन्होंने कहा कि भाजपा राज में राजधानी लखनऊ सहित पूरे प्रदेश को हर तरह से तबाह और बर्बाद कर दिया है। प्रदेश की मिलीजुली सामाजिक संरचना को बिगाड़ने के साथ यहां के विकासकार्यों पर भी अवरोध खड़ा कर दिया है। समाजवादी सरकार के समय इंफ्रास्ट्रक्चर के विस्तार के साथ सुंदरीकरण के जो काम हुए थे उन्हें भी भाजपा सरकार ने चौपट कर दिया। श्री यादव ने कहा कि भाजपा कई महानगरों को स्मार्टसिटी बनाने का जो वादा किया था वह वादा भी झूठा निकला। भारत सरकार के मानकों पर खुद राजधानी लखनऊ ही पिछड़ती गई है। स्वच्छ भारत मिशन हो या शिक्षा-स्वास्थ्य की योजनाएं सबमें प्रदेश फिसड्डी हो गया है। ‘नल से जल‘ का शोर है पर शहर के तमाम घरो में गंदा पानी सप्लाई हो रहा है। राजधानी लखनऊ सहित प्रदेश के विभिन्न शहरों में रोज लाखों मन कूड़ा निकलता है। इसके निस्तारण की कोई सुनियोजित व्यवस्था नहीं हो पाई है। पैसों की बंदरबांट का ही केवल खेल चल रहा है।
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उन्होंने कहा कि स्मार्टसिटी के नाम पर जगह-जगह गड्ढ़ों की भरमार है। गड्ढ़े होने से लोग सड़क हादसों का शिकार हो रहे हैं। हर तरफ यही शिकायत है। सड़क दुर्घटना में आये दिन लोगों की मौतें हो रही है। नई बनी सड़कें भी भ्रष्टाचार और बरसात के कारण उखड़ रही हैं। तमाम क्षेत्रों में जल भराव से लोग परेशान है। सपा प्रमुख ने कहा कि गड्ढ़ा भरने की कई तारीखें घोषित हो चुकी है परन्तु आज तक सिर्फ बयान ही जारी हुए हैं। महानगरों में ट्रैफिक नियंत्रण के निर्देशों का पालन भी नहीं हो रहा है। हर दिन लगने वाले जाम से शहर की यातायात व्यवस्था अस्तव्यस्त होती जा रही है। बच्चे, बूढ़े, जवान, महिलाएं सभी जाम की समस्या से परेशान है। एंबुलेंस घंटों जाम के कारण फंसी रहती है जिसके कारण मरीजों की मौतें तक हो जाती है।
श्री यादव ने कहा कि अस्पतालों की भी बुरी दशा है। न डाक्टर मिलते है और नहीं दवाएं। इलाज के लिए मरीज तीमारदार दोनों भटकते रहे हैं। तमाम निर्देशों के बावजूद समय से एंबुलेंस न मिल पाने से गर्भवती महिलाओं का सड़क पर ही प्रसव हो जाता हैं। शव वाहन न मिलने से ठेले पर या रिक्शा-बाइक पर अपने स्वजनों को खुद कंधे पर लादकर या गोद में ले जाते दृश्य देखना विचलित करते हैं।
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