लोकसभा चुनाव में कई सांसदों का टिकट काट सकती है BJP, यूपी के विधायकों को मिल सकता है मौका

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नई दिल्ली: अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव को देखते हुए बीजेपी ने अपनी तैयारियां तेज कर दी हैं। विपक्षी एकता और एकजुटता की संभावनाओं के बीच बीजेपी देशभर में अपने मौजूदा सांसदों का रिपोर्ट कार्ड तैयार कर दोबारा चुनाव जीतने वाले सांसदों की सूची को अंतिम रूप देने में जुटी है। दरअसल, पिछले लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी ने 303 सीटें जीती थीं।

रिपोर्ट कार्ड तय करेगा टिकट का रास्ता

फिलहाल लोकसभा में बीजेपी के 301 सांसद हैं, लेकिन सूत्रों की मानें तो इनमें से 65 से ज्यादा सांसदों का रिपोर्ट कार्ड बहुत अच्छा नहीं है। ऐसे में सत्ता विरोधी लहर से बचने के लिए बीजेपी इन सीटों पर अपने उम्मीदवार बदलने यानी मौजूदा सांसदों के टिकट काटने पर गंभीरता से विचार कर रही है। इनमें से कुछ सांसदों का संसदीय क्षेत्र भी बदला जा सकता है। आपको याद दिला दें कि मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर बीजेपी ने इस साल 30 मई से 30 जून तक देशभर में विशेष जनसंपर्क अभियान चलाया था, जिसमें पार्टी के सभी सांसदों को जुटने को कहा गया था।

इस कार्यक्रम में पार्टी के कई सांसद पूरे मन से शामिल नहीं हुए, जिसके चलते बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा को वर्चुअल मीटिंग में उन सांसदों को फटकार लगानी पड़ी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी बीजेपी संसदीय दल की बैठक में कई बार सांसदों को फटकार लगा चुके हैं और कह चुके हैं कि या तो वे अपना रवैया बदलें या बदलने के लिए तैयार रहें। पिछले कुछ महीनों के दौरान पार्टी संगठन की ओर से देश भर में टिफिन मीटिंग समेत कई अन्य महत्वपूर्ण अभियान चलाए गए, जिनमें कई सांसद पार्टी की उम्मीद के मुताबिक भीड़ नहीं जुटा पाए।

यूपी में इनका कट सकता है टिकट

उत्तर प्रदेश की बात करें तो पार्टी के एक पूर्व केंद्रीय मंत्री जिनके संघ नेताओं से काफी करीबी रिश्ते हैं, अगर वह अपना प्रदर्शन नहीं सुधार पाए तो इस बार पार्टी उनका टिकट भी काट सकती है। एक समय बेहद लोकप्रिय रहे और वर्तमान में केंद्र सरकार में मंत्री रहे एक हाई प्रोफाइल सांसद से उनके संसदीय क्षेत्र के सभी विधायक, मेयर और संगठन के बड़े नेता नाराज हैं। देश के एक हाईप्रोफाइल परिवार से ताल्लुक रखने वाले बीजेपी सांसद को फीडबैक दिया गया है कि इस बार उन्हें तभी टिकट दिया जाएगा, जब वह पार्टी के प्रति अपना रवैया बदलेंगे और खुद टिकट मांगेंगे।

विधायकों को मिल सकता है मौका

2019 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष के कद्दावर नेताओं को हराने वाले कई सांसदों को भी इस बार अपने-अपने संसदीय क्षेत्रों का दौरा कर लोगों से संपर्क करने और स्थानीय संगठनों के नेताओं के साथ बेहतर समन्वय स्थापित करने के लिए कहा गया है। संदेश साफ है कि अगर उनका रिपोर्ट कार्ड नहीं सुधरा तो पार्टी उनका टिकट काटने से भी नहीं हिचकेगी। उत्तर प्रदेश के जिन सांसदों पर टिकट कटने का खतरा मंडरा रहा है उनमें कई ऐसे सांसद हैं जो फिलहाल केंद्र सरकार में मंत्री हैं। सूत्रों की मानें तो बीजेपी ने ऐसे कई नेताओं की अलग से सूची भी बनाई है जो चुनाव जीत सकते हैं, जो वर्तमान में उत्तर प्रदेश में विधायक हैं और उनमें से कई योगी सरकार में मंत्री हैं या योगी सरकार में मंत्री रह चुके हैं। यूपी की कई सीटों पर पार्टी अपने मौजूदा सांसदों का टिकट काटकर उन्हें मैदान में उतार सकती है।

बिहार में मौजूदा केंद्रीय मंत्री पर गिर सकती है गाज

बिहार की बात करें तो अपने बयानों से चर्चा में रहने वाले मौजूदा केंद्रीय मंत्री का भी पार्टी 2024 के लोकसभा चुनाव में टिकट काट सकती है। हालांकि, वह आलाकमान से अपना संसदीय क्षेत्र बदलने की गुहार लगा रहे हैं। बिहार से टिकट काटे गए सांसदों की सूची में तीन पूर्व केंद्रीय मंत्री भी शामिल हैं। बिहार की 40 की सभी 40 लोकसभा सीटें जीतने के मिशन में जुटी बीजेपी वर्तमान सांसद और पार्टी के चर्चित चेहरे को दूसरे राज्य से लोकसभा चुनाव लड़ाने पर गंभीरता से विचार कर रही है। दिल्ली में पार्टी अपने किसी पूर्व दिवंगत केंद्रीय मंत्री के परिवार के किसी सदस्य को लोकसभा चुनाव में उतार सकती है। पार्टी जहां दिल्ली के एक लोकसभा सांसद को दूसरे राज्य से चुनाव मैदान में उतारने की तैयारी कर रही है, वहीं दो अन्य सांसदों के टिकट काटने की भी तैयारी चल रही है।

हरियाणा में 5 सीटों पर उम्मीदवार बदलने की तैयारी

हरियाणा में इस बार पार्टी 5 सीटों पर उम्मीदवार बदलने की तैयारी में है। तो वहीं बीजेपी मध्य प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान, असम, झारखंड, छत्तीसगढ़, उत्तराखंड, हिमाचल और यहां तक कि अपने सबसे मजबूत गढ़ गुजरात में भी कई मौजूदा सांसदों के टिकट काटने जा रही है। गुजरात में पार्टी के कई दिग्गज राज्यसभा सांसद इस बार लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं और मौजूदा सांसदों का टिकट काटकर ही उन्हें टिकट दिया जाएगा। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, इनमें से कुछ सांसदों के टिकट उम्र के कारण काटे जा रहे हैं, लेकिन ज्यादातर सांसद ऐसे हैं जो अपने क्षेत्र में सक्रिय नहीं रहे हैं। पार्टी ऐसे सांसदों पर भी नजर रख रही है जो 2014 और 2019 में एक ही सीट से लगातार दो बार चुनाव जीत चुके हैं। हालांकि इनमें से कई सांसद पार्टी आलाकमान के रुख को भांपते हुए शीर्ष नेताओं के लिए दौड़ शुरू कर चुके हैं। कई सांसद टिकट बचाने की कोशिश में जुट गए हैं।

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