नई दिल्ली: बीजेपी के राष्ट्रीय मुख्यालय में पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक शुरू हो गई है। बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की अध्यक्षता और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में हुई बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, भूपेन्द्र यादव, सुधा यादव, डॉ. के लक्ष्मण, इकबाल सिंह लालपुरा और पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति के अन्य नेता मौजूद रहे।
पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव, मध्य प्रदेश भाजपा प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए राज्य चुनाव प्रबंधन समिति के संयोजक और केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर, केंद्रीय मंत्री फग्गन सिंह बैठक में कुलस्ते के साथ मध्य प्रदेश बीजेपी कोर ग्रुप के अन्य नेता और केंद्रीय मंत्री भी शामिल हुए। छत्तीसगढ़ पर चर्चा के दौरान केंद्रीय चुनाव समिति, छत्तीसगढ़ बीजेपी कोर ग्रुप के सदस्यों के अलावा राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह, छत्तीसगढ़ प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और छत्तीसगढ़ में नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल समेत कई वरिष्ठ नेता शामिल हुए। राज्य चुनाव प्रचार के साथ भी बैठक में मौजूद रह सकते हैं। बताया जा रहा है कि केंद्रीय चुनाव समिति की इस बैठक में बीजेपी आलाकमान इस साल के अंत में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में होने वाले विधानसभा चुनावों को लेकर कोई अनोखा फैसला ले सकता है।
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आपको बता दें कि आमतौर पर बीजेपी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक विधानसभा और लोकसभा चुनाव के लिए उम्मीदवारों के नामों पर चर्चा के लिए बुलाई जाती है। ऐसी बैठकें आम तौर पर चुनाव आयोग द्वारा चुनाव की तारीखों की घोषणा के बाद ही बुलाई जाती रही हैं। लेकिन, इस बार पार्टी ने केंद्रीय चुनाव समिति की यह बैठक ऐसे वक्त बुलाई है, जब किसी भी राज्य में चुनाव कार्यक्रम या चुनाव की तारीखों का ऐलान नहीं हुआ है। मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव होने में करीब 2 से 3 महीने का वक्त बचा है। ऐसे में पार्टी आलाकमान द्वारा बुलाई गई केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक से हर कोई हैरान और हैरान है। सूत्रों की मानें तो पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की इस बैठक में मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ दोनों राज्यों की उन कमजोर सीटों पर चर्चा होगी, जिन पर पार्टी या तो कभी जीत नहीं पाई है या जीत चुकी है। अगर हां तो जीत का अंतर बहुत कम रहा है।
बताया जा रहा है कि इस बार पार्टी अनोखा फैसला लेते हुए ‘सी’ और ‘डी’ कैटेगरी में शामिल इन कमजोर सीटों पर अपने उम्मीदवार फाइनल करना चाहती है। हालांकि पार्टी की ओर से अभी इन उम्मीदवारों के नामों की घोषणा नहीं की गई है, लेकिन पार्टी संगठन की ओर से इन नेताओं को सूचना भेजी जाएगी और उसके बाद ये नेता पार्टी संगठन और पार्टी नेतृत्व के साथ मिलकर उन कमजोर सीटों पर प्रचार करेंगे। । अभियान शुरू करेंगे। चुनाव कार्यक्रम की शुरुआत में बीजेपी उम्मीदवार कांग्रेस उम्मीदवारों से काफी आगे थे और शुरुआत से ही बढ़त बनाने में सफल रहे।
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