नई दिल्लीः भारतीय जनता पार्टी ने केजरीवाल सरकार पर दिल्ली जल बोर्ड में 26 हजार करोड़ रुपये के घोटाले का आरोप लगाया है। प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता और नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने गुरुवार को प्रेस कांफ्रेंस कर सीएजी और वित्त निगम की रिपोर्ट के हवाले से इतने बड़े घोटाले का दावा किया। प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता ने प्रदेश कार्यालय पर प्रेस कांफ्रेंस कर कहा कि दिल्ली जल बोर्ड पिछले 6 सालों में केजरीवाल सरकार की करतूतों के कारण ‘दलाली जल बोर्ड’ बन गया है। सिर्फ पांच वर्षों में मुख्यमंत्री केजरीवाल ने दिल्ली जल बोर्ड को 41,000 करोड़ रुपये का लोन दिया था, जिसमें से 26,000 करोड़ रुपये का कहीं हिसाब-किताब ही नहीं है।
आदेश गुप्ता ने दिल्ली वित्त निगम और सीएजी की रिपोर्ट के हवाले से दावा किया कि दिल्ली सरकार के खातों से पिछले पांच सालों में 26,000 करोड़ रुपये दिल्ली जल बोर्ड के खातों में स्थनांतरित किए गए, लेकिन उसका हिसाब केजरीवाल, सत्येन्द्र जैन या राघव चड्ढा देने को तैयार नहीं हैं। उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार ने हर घर में नल से जल देने का वादा किया था, लेकिन अभी तक दिल्ली के एक-चौथाई भाग को पीने के पानी की पाइप लाइन के दर्शन तक नहीं हुए हैं।
आदेश गुप्ता ने कहा कि, “दिल्ली की अनुमानित 18,00 अनाधिकृत कॉलोनियों में से सिर्फ 561 कॉलोनियों में सीवरेज प्लांट डाले गए हैं और उसकी भी स्थिति दयनीय है। ऐसा दिल्ली सरकार की खुद की रिपोर्ट में ही लिखा गया है। साल 2015 में जितना पानी पीने योग्य बनता था, आज 6 साल बाद भी स्थिति वैसी ही है, उसमें 5 प्रतिशत की भी वृद्धि नहीं हुई है। मतलब पिछले 6 सालों में दिल्ली की जनसंख्या तो बढ़ी है, लेकिन जल बोर्ड के काम करने का तरीका जस का तस रहा है। केजरीवाल ये दावा करते हैं कि दिल्लीवालों को यमुना में नहलाकर आचमन कराएंगे, लेकिन यमुना पहले से ज्यादा जहरीली हो गई है।”
नेता प्रतिपक्ष रामवीर सिंह बिधूड़ी ने कहा कि, “जल के घोटालों की जांच करने के लिए मुख्यमंत्री अराविंद केजरीवाल दिल्ली विधानसभा का दो दिवसीय सत्र बुलाएं और दिल्ली जल बोर्ड के घोटालों पर चर्चा कराएं, क्योंकि उनके ऊपर जो आरोप लगाए गए हैं वो तथ्यों के साथ हैं, इसलिए दिल्ली की जनता को वो साफ करें कि आखिर 26,000 करोड़ का जो घोटाला किया गया है, उन पैसों को किन-किन मदों में लगाया गया है।”
उन्होंने कहा कि केजरीवाल की नियत यदि साफ है तो उन्हें इन पैसों का हिसाब देने में कोई ऐतराज नहीं होना चाहिए। प्रदेश कार्यालय में प्रेसवार्ता के दौरान प्रदेश मीडिया प्रमुख नवीन कुमार, मीडिया रिलेशन विभाग के प्रभारी हरीश खुराना और मीडिया रिलेशन विभाग के प्रमुख प्रवीण शंकर कपूर मौजूद रहे।