ज़हीर खान: इंजीनियरिंग छोड़ बने स्विंग के किंग, टेस्ट में सर्वाधिक विकेट लेने वाले भारत के दूसरे तेज गेंदबाज

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नई दिल्लीः विश्व क्रिकेट में भारत के कई दिग्गजों ने देश का नाम रोशन किया है। इन्हीं दिग्गजों में एक नाम शामिल है भारत के पूर्व तेज गेंदबाज और स्विंग किंग के नाम से मशहूर जहीर खान का। जहीर भारतीय क्रिकेट का एक बड़ा नाम हैं। अपने 15 साल के क्रिकेट करियर में उन्होंने कई मौकों पर टीम को जीत दिलाई और अपनी उपयोगिता साबित की। जहीर ने भारत को 28 साल बाद विश्व विजेता बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। अपने 15 साल लंबे करियर के दौरान जहीर ने 610 इंटरनेशनल विकेट अपने नाम किए हैं। इसमें 282 वनडे, 311 टेस्ट और 17 टी20 विकेट शामिल हैं।

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गेंद को दोनों तरफ स्विंग कराने में माहिर जहीर खान ने ‘नकल बॉल’ की खोज की थी। उन्होंने लगातार 3 विश्व कप में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया। लगातार हो रही इंजरी से परेशान हो कर ज़हीर ने 15 अक्टूबर 2015 को अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट से सन्यास का ऐलान किया था। विश्व क्रिकेट के दिग्गजों में शुमार जहीर को सरकार द्वारा अर्जुन अवॉर्ड और देश के तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्मश्री से भी सम्मानित किया जा चुका है। 7 अक्टूबर 2021 को जहीर अपना 43वां जन्मदिन मना रहे हैं। जानते हैं उनके सफर की कहानी।

जब पिता ने कहा इंजीनियर नहीं क्रिकेटर बनो

जहीर का जन्म का 7 अक्टूबर 1978 को महाराष्ट्र के श्रीरामपुर में हुआ था। दुनियाभर के बल्लेबाजों को अपनी घातक गेंदबाजी से धूल चटाने वाले जहीर कभी क्रिकेटर बनना ही नहीं चाहते थे। वह अपने दोस्तों की तरह एक इंजीनियर बनना चाहते थे। इसलिए केजे सोमैया स्कूल से अपनी पढ़ाई पूरी करने के बाद उन्होंने कॉलेज की पढ़ाई के लिए मैकेनिकल इंजीनियरिंग डिग्री कोर्स में प्रवेश लिया।

मगर क्रिकेट के प्रति उनके लगाव को देख कर उनके पिता ने उनसे कहा कि बेटा देश में इंजीनियर तो बहुत हैं, लेकिन तेज गेंदबाजों की कमी है, तो तुम तेज गेंदबाज बनो। इसके बाद जहीर ने क्रिकेट की ओर और ध्यान देना शुरू किया और स्कूल से जिला स्तरीय क्रिकेट अकादमी के लिए खेलने लगे। 1996 में 17 साल की उम्र में उनके पिता उन्हें मुंबई ले आए। मुंबई आकर ज़हीर ने नेशनल क्रिकेट क्लब के शुरुआती 2 सत्रों के सभी मुकाबलों में हिस्सा लिया।

7 विकेट झटक कर बटोरी सुर्खियां

ज़हीर सुर्खियों में तब आए जब उन्होंने शिवाजी पार्क जिम-खाना के ख़िलाफ फाइनल में 7 विकेट झटके। यहां उनकी बॉलिंग से नेशनल क्रिकेट क्लब के मालिक सुधीर नाइक काफी प्रभावित हुए और उन्होंने ज़हीर को एमआरएफ पेस फाउंडेशन, चेन्नई भेजा। जहां उन्होंने बॉलिंग कोच टीए शेखर से तेज गेंदबाजी की बारीकियां सीखीं। इसके बाद उन्हें मुंबई और वेस्ट जोन की अंडर-19 टीम में सेलेक्ट कर लिया गया। ज़हीर ने अपने प्रथम श्रेणी क्रिकेट की शुरुआत साल 1999-2000 में बड़ौदा की तरफ़ से खेलते हुए की। ज़हीर ने प्रथम श्रेणी क्रिकेट के पहले ही सत्र में शानदार गेंदबाजी से सभी का दिल जीत लिया। वो सीजन में तीसरे सबसे सफल गेंदबाज और बाएं हाथ के सबसे सफ़ल गेंदबाज रहे।

वनडे में बने भारत के प्रमुख गेंदबाज

ज़हीर को फर्स्ट क्लास क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन का ईनाम मिला और उन्हें राष्ट्रीय टीम में शामिल किया गया। 3 अक्टूबर साल 2000 में ज़हीर ने केन्या के खिलाफ एकदिवसीय क्रिकेट में अपना पदार्पण किया। इसी साल 10 नवंबर को बांग्लादेश के खिलाफ उन्होंने अपना टेस्ट डेब्यू भी किया। अपने वनडे करियर में ज़हीर ने कई मौकों पर टीम के लिए अहम भूमिका निभाई। देखते-देखते ज़हीर टीम इंडिया के प्रमुख गेंदबाज बन गए। ज़हीर की गिनती विश्व के दिग्गज तेज गेंदबाजों में होने लगीं। अपने एकदिवसीय करियर में ज़हीर ने 200 मुकाबलों में 29.44 के औसत से 282 विकेट अपने नाम किए हैं। वनडे में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में ज़हीर भारत के चौथे गेंदबाज हैं। इस दौरान उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन श्रीलंका के खिलाफ 42 रन देकर 5 विकेट रहा। यही नहीं डेब्यू मैच में ही 10 विकेट लिए थे।

टेस्ट में बने बेस्ट

ज़हीर ने वनडे ही नहीं बल्कि टेस्ट में भी अपनी उपयोगिता साबित की और टीम को अपनी घातक गेंदबाजी से कई मैच जितवाये। अपने टेस्ट करियर में ज़हीर ने 92 मैचों में 32.95 के औसत से 311 विकेट चटकाए हैं। इस दौरान उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 87 रन देकर 7 विकेट रहा। ज़हीर भारत की तरफ से टेस्ट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले चौथे गेंदबाज हैं। वहीं इस मामले में कपिल देव के बाद वो दूसरे तेज गेंदबाज हैं। साल 2008 में उन्हें विस्डन क्रिकेटर ऑफ द ईयर भी चुना गया था।

विश्व कप में भारत के सबसे सफल गेंदबाज

ज़हीर ने 3 विश्वकप में भारत का प्रतिनिधित्व किया। वो 2003, 2007 और 2011 में भारत की विश्व विजेता टीम के सदस्य रहे। इस दौरान 2003 से लेकर 2011 विश्व कप के बीच कुल 23 मैचों में 44 विकेट लिए। आईसीसी विश्व कप में वो भारत के सबसे सफल गेंदबाज हैं। विश्व कप में सबसे ज्यादा विकेट लेने के मामले में वो ओवरऑल छठे नंबर पर हैं। 2011 में भारत को 28 साल बाद विश्व विजेता बनाने में ज़हीर की प्रमुख भूमिका थी। उन्होंने टूर्नामेंट के 9 मैचों में 21 विकेट अपने नाम किए थे और वो पाकिस्तान के शाहिद आफरीदी के साथ संयुक्त रूप से टूर्नामेंट में सबसे ज्यादा विकेट लेने वाले गेंदबाज थे।

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