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Indrajit Sinha: भीख मांगते नजर आए भाजपा नेता, तस्वीरें वायरल होने पर मचा हड़कंप

Indrajit Sinha: पश्चिम बंगाल की सियासत में कभी दबदबा रखने वाले भाजपा के वरिष्ठ पार्टी नेता इंद्रजीत सिन्हा बीरभूम जिले के तारापीठ स्थित श्मशान घाट पर भीख मांगते नजर आए। ‘बुलेट दा’ के नाम से मशहूर भाजपा नेता की बीमार अवस्था में तस्वीर वायरल होते ही हड़कंप मच गया।

‘बुलेट दा’ के नाम से मशहूर थे इंद्रजीत सिन्हा

पार्टी नेता की हालत देख प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और केंद्रीय शिक्षा मंत्री डॉ. सुकांत मजूमदार हरकत में आए। उन्होंने तुरंत बीरभूम के भाजपा जिला अध्यक्ष से बीमार इंद्रजीत सिन्हा को अस्पताल में भर्ती कराने को कहा। इसके बाद विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने भी इंद्रजीत सिन्हा का हालचाल लिया। इसके बाद ‘बुलेट दा’ को कोलकाता के एक बड़े निजी हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया।

बता दें कि इंद्रजीत सिन्हा कभी बंगाल भाजपा में स्वास्थ्य सेवा प्रकोष्ठ के संयोजक थे। उन्होंने मुसीबत और आपदा के समय बीमार व बेसहारा लोगों को राज्य के लगभग सभी सरकारी अस्पतालों में भर्ती कराने का काम किया था। तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष राहुल सिन्हा की सलाह पर ‘बुलेट दा’ राजनीति में आए और स्वास्थ्य क्षेत्र में भाजपा की मौजूदगी बढ़ाने के लिए दिन-रात काम किया। अपने कार्यकाल के दौरान उनका नाम और शोहरत सियासी गलियारों में फैल गई।

Indrajit Sinha: जानलेवा बीमारी से जूझ रहे इंद्रजीत सिन्हा

पश्चिम बंगाल में भाजपा के कद्दावर नेता रहे इंद्रजीत सिन्हा पिछले दो साल से लाइलाज बीमारी कैंसर से पीड़ित हैं। पहले ट्यूमर का पता चला, फिर उन्हें पता चला कि वे कैंसर से पीड़ित हैं। उन्हें इलाज के लिए अस्पताल भी नहीं मिल पाया। उनके रहने और खाने-पीने तक की उचित व्यवस्था नहीं है। हालत इतनी दयनीय है कि दो महीने से उन्हें तारापीठ श्मशान घाट पर खाना मांगना पड़ रहा है। इतना ही नहीं सिन्हा को एक पेड़ के नीचे रात गुजारनी पड़ रही है।

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10 साल पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में हुए थे शामिल

बता दें कि 40 वर्षीय इंद्रजीत सिन्हा (Indrajit Sinha) अविवाहित हैं और उनके माता-पिता का पहले ही निधन हो चुका है। इंद्रजीत सिन्हा करीब दस साल पहले कांग्रेस छोड़कर भगवा खेमे में शामिल हुए थे। उन्होंने पार्टी के लिए काफी मेहनत की थी। लेकिन बीमारी के कारण वह अब कोई भी काम करने में असमर्थ थे। परिणामस्वरूप दो वक्त की रोटी जुटाने के लिए उन्होंने तारापीठ विक्रेता भीख मांगना शुरू कर दिया।

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