लखनऊः लखनऊ विद्युत सम्पूर्ति प्रशासन (लेसा) के ट्रांस गोमती में बिलिंग एजेंसियां विभाग को चूना लगा रही हैं। लेसा ट्रांस गोमती के चिनहट, सीतापुर समेत अन्य डिवीजनों में बड़ी संख्या में रीडिंग स्टोर के मामले सामने आए हैं। इन डिवीजनों में 3 लाख यूनिट से अधिक की रीडिंग स्टोर पायी गयी है। जिसके बाद इन डिवीजनों में बिलिंग करने वाली एजेंसियों से जवाब तलब किया गया है।
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों चिनहट डिवीजन के अंतर्गत चिनहट व यूपीएसआईडीसी क्षेत्र और सीतापुर डिवीजन के तहत फैजुल्लागंज व जीएसआई सब स्टेशन के अंतर्गत अभियान चलाया गया। इस दौरान दोनों डिवीजनों में चार दर्जन से अधिक उपभोक्ताओं के मीटर में स्टोर रीडिंग पायी गयी। बिलिंग एजेंसी कर्मियों की इस कारगुजारी को लेकर लेसा ट्रांस गोमती के मुख्य अभियंता सीवीएस गौतम ने बिलिंग एजेंसी से जवाब-तलब किया है। उन्होंने बिलिंग एजेंसियों को पत्र लिखकर स्पष्टीकरण मांगा है। मुख्य अभियंता ने बताया कि बिलिंग एजेंसी कर्मी रीडिंग स्टोर कराकर विभाग को चूना लगा रहे हैं। स्टोर रीडिंग के मामले में बिलिंग एजेंसियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
डिस्कॉम स्तर पर हुआ था टेंडर
साल 2018 में डिस्कॉम स्तर पर बिलिंग एजेंसियों का टेंडर किया गया था। इस दौरान प्रत्येक डिस्कॉम में दो-दो एजेंसियों को बिलिंग का काम सौंपा गया था। उस दौरान यह दावा किया गया था कि इससे बिलिंग व्यवस्था में पारदर्शिता आएगी और बिलिंग प्रतिशत भी बढ़ेगा। उस दौरान भी पूर्व में बिलिंग का काम करने वाली कई कंपनियों ने बिलिंग टेंडर की निविदा की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए थे। आरोप लगाए गए थे कि प्रबंधन में बैठे उच्चाधिकारियों ने चहेतों को टेंडर देने के लिए निविदा की शर्तों से अलग हटकर टेंडर फाइनल किए, हालांकि डिस्कॉम स्तर पर टेंडर होने के बावजूद व्यवस्था में बदलाव नहीं हुआ।
ये कंपनियां कर रहीं बिलिंग का काम
लेसा ट्रांस गोमती के चिनहट और सीतापुर डिवीजन में कॉपीटेंट और इनवेंटिव नाम की बिलिंग कंपनियां काम कर रही हैं। बड़े पैमाने पर मीटर में स्टोर रीडिंग के मामले सामने आने पर इन कंपनियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े हो रहे हैं। बिलिंग कंपनियों के सुपरवाइजरों को सख्त हिदायत के बाद भी बिलिंग कर्मियों की स्टोर रीडिंग की कारस्तानी पर लगाम नहीं लग पा रही है। इससे विभाग को बड़े राजस्व की भी क्षति हो रही है।
कंपनियां बदलीं, कर्मचारी वही
साल 2018 में डिस्कॉम स्तर पर बिलिंग का टेंडर होने के बाद इस काम में लगी कई छोटी कंपनियां इस रेस से बाहर हो गयीं। वहीं इस नई व्यवस्था से बिलिंग के काम में कई बड़ी कंपनियों का एकाधिकार हो गया, बावजूद इसके बिलिंग कर्मचारी नहीं बदले। सूत्रों की मानें तो डिस्कॉम स्तर पर बिलिंग का टेंडर भले ही फाइनल किया गया, मगर इन कंपनियों में आज भी बिलिंग का काम पुराने कर्मचारी ही कर रहे हैं। लंबे समय से कार्य कर रहे ये बिलिंग कर्मी हर फन में माहिर हैं।
मृतक कर्मियों के देयों का अब जल्द होगा भुगतान
लेसा में मृत कर्मियों के बकाए का भुगतान अब जल्द से जल्द किया जाएगा। इस संबंध में मुख्य अभियंता ट्रांस गोमती सीवीएस गौतम ने निर्देश जारी किए हैं। उन्होंने सभी डिवीजन के अभियंताओं को निर्देश जारी किया है कि मृतक कर्मियों के देयों का भुगतान तत्काल किया जाए। मृतक के आश्रितों को उनके जीपीएफ, सीपीएफ, अनलीव समेत अन्य देयों का भुगतान तत्काल कराया जाए। इसमें किसी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। मृतकों के देयों के भुगतान में संबंधित बाबू लेट-लतीफी करते हैं, तो उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, लेसा ट्रांस गोमती के विभिन्न डिवीजनों में बीते कुछ महीनों में जिन कर्मियों की असमय मौत हुई, उनके देयों के भुगतान में देरी की जा रही है।
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जिसकी शिकायत मृतक कर्मियों के आश्रितों की ओर से मुख्य अभियंता ट्रांस गोमती से की गयी है। जिसके बाद मुख्य अभियंता ने सभी डिवीजन अभियंताओं को इस संबंध में निर्देश देते हुए सख्त हिदायत दी गयी है। गौरतलब है कि गोमती नगर के विभूति खंड सब-स्टेशन पर श्रमिक के रूप में तैनात रहे कौशल किशोर की बीते कुछ महीने पहले असमय मौत हो गयी थी। मृतक श्रमिक कर्मी के आश्रितों को अभी तक उनके देयों का भुगतान नहीं किया जा सका है। जिसकी शिकायत बीते दिनों उनके आश्रितों ने मुख्य अभियंता से की थी। जिसके बाद ही चीफ इंजीनियरों ने यह सख्त निर्देश जारी किया है।